AURANGABAD – प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को पद के दुप्रयोग पर न्यायालय ने सुनाई सज़ा व जूर्माना


औरंगाबाद । शुक्रवार को व्यवहार न्यायालय में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी शोभित शौरभ ने परिवाद संख्या 693/19, विचारण संख्या -187/24 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त चन्दन कुमार शास्त्री, किउल लखीसराय को भादंवि धारा 323,341,504, और 506 में क्रमश छः माह, एक माह, एक माह, तीन माह की सजा सुनाई है तथा 25 हज़ार रुपए मुआवजा अभियुक्त द्वारा परिवादी को देने का आदेश दिया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी।

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि परिवाद दायर के समय अभियुक्त औरंगाबाद में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी थे।अपने पद के दुप्रयोग करते हुए निर्दोष धान चावल क्रय विक्रय करने वाले रवि कुमार का बालाजी ट्रेंड्स फ़ार्म व्यवसायी को कालाबाजारी और आवश्यक वस्तु अधिनियम के झुठे केस में फंसाया था। परिवादी के पास धान चावल क्रय विक्रय का लाइसेंस था। 19/06/19 को मां मुंडेश्वरी ट्रेंड्स कोयरी विगहा सिमरा रोड से 390 बोरा चावल,वार में रामाशीष प्रजापति के यहां से 75 बोरा चावल और शिवगंज बाजार से 1200 बोरा चावल लोड किया। सभी हाथ सिलाई थे।

अभियुक्त प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने 477 बोरी चावल पकड़ कर जप्त कर ली तथा ड्राइवर और परिवादी से गाली गलौज करते हुए मारपीट किया एवं ट्रक और माल सड़ा देने की धमकी दी।न्यायालय में अभियुक्त ने अपने उपर लगे आरोप के बचाव में कोई मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सका। अभियुक्त पुर्वाग्रह से ग्रसित होकर पद और प्रतिष्ठा का नाजायज़ इस्तेमाल करते हुए ऐसा कांड किया।

न्यायालय ने कहा कि सरकारी सेवक का आमजन के साथ ऐसा कृत्य अशोभनीय है इस लिए परिवीक्षा का लाभ नहीं दी जा सकती न्यायालय द्वारा इसे सरकारी पद के दुरूपयोग का मामला पाते हुए परिवादी को हुई मानसिक यातना के लिए 25000 रुपया मुवावजा देने का भी निर्देश दिया गया है।
वहीं अभियुक्त ने अपने उपर लगे आरोप के बचाव में कोई मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका है।