व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडीजे वन पंकज मिश्रा ने सोमवार को टाउन थाना कांड संख्या 394/20 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधिन बंदी अभियुक्त शम्भु कुमार तैयाप उपहारा गोह को अपहरण और बलत्कार के दोषी पाते हुए सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई पूरी की। अपर लोक अभियोजक रामनरेश प्रसाद और सूचक की और से अधिवक्ता चन्देश्वर पासवान ने बताया कि भादंसं धारा 376 में दस साल की सजा, पचास हजार रुपए जुर्माना, धारा 366 में दस साल की सजा और पचास हजार जुर्माना लगाया गया है। दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी, और कुल रकम के आधी रकम पीड़िता को दिया जाएगा। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 26/10/20 को प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपी लड़की को
ट्युशन पढ़ाता था। शादीशुदा था मगर कुछ दिनों से मेरी लड़की पर गंदी निगाह हो गई। 25/10/20 को लड़की सुबह से घर से गायब थी। आरोपी के घर पर भी ताला लगा था। तहकीकात कर लड़की के परिजनों ने आरोपी पर वाद दर्ज कराई थी।
छेड़खानी के आरोपी को तीन साल की सजा
वहीं व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडिजे सह पोक्सो कोर्ट ब्रजेश कुमार पाठक ने हसपुरा थाना कांड संख्या 27/20 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त रवि कुमार चांदी हसपुरा को सज़ा सुनाई है। स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि अभियुक्त को आज छेड़खानी के आरोप में दोषी पाते हुए भादंसं धारा 354ए और 12 पोक्सो एक्ट में तीन साल की सजा और तीन हजार जुर्माना, जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास होगी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी पीड़िता ने दर्ज कराई थी जिसमें कहा था कि अपनी सहेली के साथ शौच कर लोट रही थी रास्ते में आरोपी ने मेरा हाथ पकड़ कर झाड़ी के तरह ले जाने लगा तो मे जोर जोर से चिल्लाई तो आस- पास के लोग दोड़े । लोगों के आते देख आरोपी भाग खड़ा हुआ। आरोपी गलत नियत से मेरा हाथ पकड़ कर खींच रहा था, आरोपी को आज बंधपत्र विखंडित कर जेल भेजने का आदेश दिया गया है।