औरंगाबाद, 25 मार्च 2025: औरंगाबाद जिले के नबीनगर थाना क्षेत्र में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में 8 कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। इनकी गिरफ्तारी के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं।
दिनांक 07 मार्च 2025 को नहर निर्माण कार्य में लगे एक कंपनी के संवेदक से लगभग 8-10 हथियारबंद नक्सलियों ने चिटकबरा वर्दी में आकर भाकपा (माओवादी) का पर्चा सौंपते हुए लेवी की मांग की थी। इस घटना के बाद नबीनगर थाना में कांड संख्या 73/25 दर्ज किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसडीपीओ सदर-1 के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम को पूरे मामले के खुलासे, नक्सलियों की गिरफ्तारी और हथियारों की बरामदगी की जिम्मेदारी सौंपी गई।
विशेष टीम द्वारा लगातार खुफिया जानकारी जुटाने और तकनीकी विश्लेषण करने के बाद घटना में शामिल सभी नक्सलियों की पहचान की गई।
23 मार्च 2025 को 3 नक्सलियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। वर्तमान में 5 और नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई है।
गिरफ्तार नक्सलियों में से अधिकांश का पहले भी नक्सली कांडों में आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस उनके पुराने रिकॉर्ड खंगाल रही है।
पूछताछ में इन नक्सलियों ने इस घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। साथ ही, उन्होंने यह भी कबूला है कि वे कई ईंट भट्ठा मालिकों, सरकारी परियोजनाओं के संवेदकों और सोन नदी के दियारा क्षेत्र में खेती कर रहे किसानों से रंगदारी वसूलते थे।
इसके अलावा, इनका कुख्यात नक्सलियों जैसे राजेंद्र सिंह, बीरबल पासवान, एनुल मियां, सीताराम रजवार उर्फ रमन जी और नितेश यादव से करीबी संबंध होने की बात भी सामने आई है।
गिरफ्तार नक्सलियों ने भाकपा (माओवादी), झारखंड जनमुक्ति मोर्चा परिषद और तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति (TSPC) से जुड़े रहने की बात स्वीकार की है। इसके अलावा, वे अरविंद राम और संजय राम जैसे नक्सली नेताओं से भी संपर्क में थे।गिरफ्तारी के दौरान इन नक्सलियों से चिटकबरा वर्दी और हथियार बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल वे आपराधिक गतिविधियों में कर रहे थे।
पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से निश्चित रूप से पूरे इलाके में नक्सली गतिविधियों में कमी आएगी। अधिकारियों का मानना है कि इस गिरोह के खत्म होने से स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी और विकास कार्य निर्बाध रूप से आगे बढ़ेंगे।