AURANGABAD: हत्यारे पति को मिली आजीवन कारावास की सजा, लड़का का जन्म न देने पर पत्नी का किया था हत्या

FRIENDS MEDIA-BIHAR DESK


व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने एक पत्नी की हत्या मामले पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सुनवाई ओबरा थाना कांड संख्या 317/19 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए सुनाई है। लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि भादंस की धारा 302 में आजीवन कारावास और पचास हजार जुर्माना तथा धारा 201 में तीन साल की सजा और बीस हजार जुर्माना लगाया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 06/07/22 को काराधीन अभियुक्त चंदन सिंह तुतुराकी ओबरा को दोषी करार दिया गया था। अन्य दो अभियुक्तों ससुर और सास को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया था।

वाद के सूचक जैनेन्द्र सिंह मसौढ़ी पटना ने प्राथमिकी और गवाही में बताया कि मेरी पुत्री को अभियुक्तों मिलकर पड़तारित , मानसिक और शारीरिक उत्पीडन देते थे जिसकी जानकारी फोन से हमें पुत्री ने कई बार दी थी। वो कहती थी दो पुत्रियां होने से मेरी ज़िन्दगी नरक हो गई पुत्र न होने से ताना मारा करते थे। 29/12/19 को पुत्री के ससुराल के गांव वालों ने फोन पर बताया कि आपकी पुत्री को किरासन तेल से आग लगा कर हत्या कर दी गई है। जब मैं अपने भाई के साथ पुत्री के ससुराल पहुंचा तो देखा कि मेरी पुत्री के शव को गांव के श्मशान पर जला दिया गया है। जिसके बाद मैं पुलिस लेकर श्मशान पहुंचा। जहां पुलिस ने शव के एक अंश को लेकर जप्ति सूचि बनाई। मैं अपनी दोनों नतिनी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपने घर ले आए और आजतक दोनो मेरे देखरेख में है। सरकार की ओर से लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता बसंत कुमार ने भाग लिया और अपना अपना पक्ष रखा जिसे सुनने के पश्चात न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया।