औरंगाबाद/बिहार
औरंगाबाद पुलिस ने एक बड़े गृहभेदन (घर में घुसकर चोरी) कांड का पर्दाफाश करते हुए 5 जिलों में फैले शातिर अपराधियों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामला बारुण थाना क्षेत्र का है जहां 24 मई 2025 को लाखों के आभूषण व कैश चोरी की वारदात हुई थी।
थाना अध्यक्ष रंजन कुमार की लिखित शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के बाद SIT (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया, जिसने मात्र कुछ ही हफ्तों में इस संगठित गिरोह की गुत्थी सुलझा दी।
गिरफ्तार हुए अपराधी कौन हैं?
SIT ने मोबाइल लोकेशन, तकनीकी विश्लेषण और आसूचना नेटवर्क की मदद से निम्नलिखित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया:
1. विकाश कुमार (26 वर्ष, नन्हक राजवासी, रोहतास)
2. ओमप्रकाश कुमार (26 वर्ष, घंघरी सिंह, रोहतास)
3. विक्की कुमार (28 वर्ष, धर्मसेट मोड़, रोहतास)
4. अशोक प्रसाद (65 वर्ष, आभूषण दुकान मालिक, डिहरी)
5. मयंक कुमार उर्फ़ मोनू (25 वर्ष, ललिता सेठ गली, रोहतास)
कैसे हुआ पर्दाफाश?
गिरफ्तार ओमप्रकाश, विकाश और विक्की ने स्वीकार किया कि उन्होंने मिलकर चोरी की योजना बनाई थी। ये सभी शादी-विवाद वाले सुनसान घरों को टारगेट करते थे और फिर रात में धावा बोलते थे। चोरी हुए आभूषणों को बेचने में अशोक प्रसाद (ज्वेलरी शॉप मालिक) और मयंक कुमार ने मदद की।
चोरी की गई ज्वेलरी रोहतास के डहरी बाजार और नारायणपुर बाजार में बेची गई और रकम आपस में बांट ली गई।
क्या मिला पुलिस को?
चोरी के सारे गहने
मोबाइल
गिरोह से जुड़ी अन्य जानकारी
संगठित अपराध में स्थानीय दुकानदार की संलिप्तता
आगे क्या?
पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। जल्द ही और गिरफ्तारियाँ संभव हैं।
कानून व्यवस्था की बड़ी जीत – औरंगाबाद पुलिस की तेज़ कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी अपराधी कानून की पकड़ से नहीं बच सकता।