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औरंगाबाद – व्यवहार न्यायालय में एडिजे दो धनंजय कुमार मिश्रा ने गुरुवार को उपहारा थाना कांड संख्या 06/2001 ,एस टी आर 158/2001 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एपीपी
देवीनंदन सिंह ने बताया कि अभियुक्त राम प्रवेश साव और राजेंद्र साव बुधई उपहारा को भादंवि धारा 302/34 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । पच्चीस हजार जुर्माना लगाया है जुर्माना राशि न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास होगी । दोनों अभियुक्त को 25/04/23 को दोषी ठहराया गया था और बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक एकबाली साव सहरसा उपहारा ने 12/03/2001 को बताया कि गांव के पुरब बघार पर एक औरत के लाश मिलने की खबर मिली, जाकर देखा तो विवाहित पुत्री की लाश थी जिसकी विदाई एक दिन पुर्व दामाद रामप्रवेश साव के
साथ किये थे। दामाद रामप्रवेश साव, उनके मित्र राजेन्द्र साव,ससुर रामचन्द्र साव,समधीन राजमणि देवी मिलकर सदैव एक टीवी और गाय की मांग करते थे न देने पर गाली गलौज मारपीट कर धमकी देते थे। ये चारों मिलकर षड्यंत्र कर विदाई कराकर हत्या कर दिये और लाश फेंक दिया । घटना स्थल निरीक्षण , मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट, आरोप पत्र, गवाही से घटना के सत्यता प्रकट हुए थे । वहीं 25/04/23 को ससुर और सास को निर्दोष पाते हुए रिहा किया गया था। आज सजा के बिंदु पर अभियुक्त के छोटे- छोटे बच्चों के दुहाई लगाते हुए बचाव पक्ष ने कम से कम सज़ा की मांग की । परन्तु एपीपी देवीनंदन सिंह ने कहा कि दुसरी शादी कर लेने से पहली पत्नी के हत्या के पाप खत्म नहीं होता। समाज में अच्छा संदेश जाएं इसलिए आरोपी को अधिकतम सज़ा हो। दोनों पक्षों के सुनने के पश्चात जज ने फैसला सुनाया जिसे सुनकर अभियुक्तों और उनके परिजन रोने लगे।