झारखंड से आए अपराधियों का खेल खत्म : PMC कैम्प पर फायरिंग करने वाले चार गिरफ्तार ,शुभम सिंह ने रची थी साजिश

औरंगाबाद : दिनांक 23 दिसंबर 2024 की रात 8 बजे भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत सड़क निर्माण में लगी कंपनी PNC के बेसकैंप पर हुई फायरिंग और धमकी भरे पर्चे फेंकने की घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया था। इस घटना में शामिल अपराधियों का उद्भेदन और गिरफ्तारी करने में औरंगाबाद पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस कांड में शामिल कुल 4 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें फायरिंग करने वाले 2 मुख्य आरोपी भी शामिल हैं।

23 दिसंबर की रात, झारखंड से आए 4 अपराधियों का एक गिरोह 2 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर औरंगाबाद पहुंचा। इनमें से तीन अपराधियों – सूरज सिंह, ऋषिकांत सिंह, और एक अज्ञात व्यक्ति ने बेसकैंप के गेट पर फायरिंग की। घटना के बाद वहां पर्चा फेंककर सभी अपराधी फरार हो गए।

इस घटना की योजना कुख्यात अपराधी शुभम सिंह ने बनाई थी, जो पहले मारे गए अपराधी कुणाल सिंह के गिरोह का नेतृत्व कर रहा है। शुभम सिंह ने अपने गिरोह के सदस्यों को इस अपराध को अंजाम देने के लिए ₹10,000 की राशि प्रदान की थी।

घटना के बाद पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद ने एसडीपीओ सदर-1 के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। SIT ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने, आसूचना संकलन और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर जांच शुरू की।
जांच के बाद, पुलिस ने झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी कर मुख्य आरोपियों सूरज सिंह और ऋषिकांत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही योजना में शामिल दो अन्य अपराधी चेतन सिंह और अर्जुन सिंह को भी हिरासत में लिया गया।

बरामदगी:

गिरफ्तार अपराधियों के पास से निम्नलिखित सामान बरामद किया गया:

1 देसी पिस्टल,2 देसी कट्टा,7 जिंदा कारतूस,2 मोटरसाइकिल,4 मोबाइल फोन

पुलिस पूछताछ में पता चला कि शुभम सिंह ने इस घटना को भारतमाला प्रोजेक्ट के ठेकेदारों को धमकाने और अपने गिरोह का दबदबा कायम करने के लिए अंजाम दिया। शुभम सिंह ने अपने गिरोह के सदस्य सूरज सिंह और ऋषिकांत सिंह को इस काम के लिए भेजा था और घटना के बाद सभी अपराधी झारखंड लौट गए थे।

पुलिस ने इस मामले में अभी भी फरार अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह के सरगना शुभम सिंह और अन्य फरार सदस्यों की तलाश जारी है।

औरंगाबाद पुलिस की यह कार्रवाई अपराध पर अंकुश लगाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

Previous post

BIHAR : पूर्व आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल का निधन: बिहार ने खोया एक कुशल प्रशासक व समाजसेवी व्यक्तित्व

Next post

AURANGABAD : भारतमाला परियोजना: ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए किसानों की समस्याएं, मुआवजे की कमी पर उग्र हुआ विरोध

You May Have Missed