हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ से मचा हड़कंप, 8 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल


मुख्यमंत्री धामी ने मौके पर पहुंचकर लिया जायजा, मुआवजे का ऐलान, हेल्पलाइन नंबर जारी

हरिद्वार, 27 जुलाई 2025:
उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ नगरी हरिद्वार में आज सुबह बड़ा हादसा हो गया। प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर मार्ग पर दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार सुबह करीब 9 बजे मंदिर की चढ़ाई कर रहे श्रद्धालुओं के बीच अचानक किसी ने करंट फैलने की अफवाह फैला दी। अफवाह सुनते ही श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। संकरे मार्ग और भारी भीड़ के चलते कई लोग आपस में एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई। चीख-पुकार के बीच कई श्रद्धालु दबकर घायल हो गए।

राहत एवं बचाव कार्य जारी

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एंबुलेंस और राहत टीमें मौके पर भेजीं। घायलों को तत्काल हरिद्वार जिला अस्पताल और पास के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं सक्रिय कर दी गई हैं और चिकित्सकों की अतिरिक्त टीमों को बुलाया गया है।

मुख्यमंत्री धामी पहुंचे हरिद्वार

घटना की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोपहर करीब 2 बजे हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना और अधिकारियों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है ताकि परिजन अपने प्रियजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें।

इलाके में फैला डर और शोक

हादसे के बाद मंदिर क्षेत्र और आसपास का इलाका सन्नाटे और दहशत के माहौल में डूब गया है। श्रद्धालुओं में डर का माहौल है, वहीं प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिशों में जुटा है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर मार्ग पर अस्थायी बैरिकेडिंग और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

जाँच के आदेश

मुख्यमंत्री ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक तौर पर हादसे का कारण भीड़ में फैली अफवाह को माना जा रहा है, लेकिन प्रशासन यह भी जांच कर रहा है कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था में कहीं कोई चूक तो नहीं हुई।

यह दुखद घटना एक बार फिर तीर्थ स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों को उजागर करती है। प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।