पटना/बिहार
बिहार में फर्जीवाड़े की हदें अब सत्ता के शिखर तक जा पहुंची हैं। कुत्ते, ट्रैक्टर, फिल्मी एक्ट्रेस और अब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार—सभी के नाम पर फर्जी आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने या उसका प्रयास करने की घटनाएं धड़ाधड़ सामने आ रही हैं।
ताजा मामला सरैया अंचल से जुड़ा है, जहां एक जालसाज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम से आवासीय प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन दायर कर दिया। आवेदन में मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ नाम दिया गया—नीतीश कुमारी, पिता लखन पासवान, माता लकिया देवी।
राजस्व अधिकारी अभिषेक सिंह ने तत्काल साजिश को भांपते हुए आवेदन पर जांच शुरू की और पूरे मामले की परतें खुलती चली गईं। उन्होंने राजनीतिक साजिश की आशंका जताते हुए एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है और साजिशकर्ता की तलाश जारी है।
थानाध्यक्ष सुभाष मुखिया ने पुष्टि की है कि एफआईआर दर्ज कर जांच की जिम्मेदारी एसआई अनिल कुमार को दी गई है। इस घटना ने न सिर्फ प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाया है बल्कि मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने की साजिश को भी उजागर किया है।
गौरतलब है कि हाल ही में पटना में कुत्ते के नाम पर और मोतिहारी में एक्ट्रेस मोनालिसा की फोटो लगाकर ट्रैक्टर के नाम पर फर्जी आवासीय प्रमाणपत्र बनाए गए थे।
इन घटनाओं के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार का डिजिटल सिस्टम जालसाजों का अड्डा बन गया है?
क्या सरकारी सिस्टम की फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के नाम पर सिर्फ कार्रवाई का ड्रामा हो रहा है या वाकई कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है?
अब देखना यह है कि नीतीश कुमार के नाम पर हुई इस साजिश की डोर कहां तक जाती है।