औरंगाबाद, बिहार:
बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद शराब तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड क्षेत्र से सामने आया है, जहां उत्पाद विभाग की टीम पर छापेमारी के दौरान एक शराब तस्कर ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में विभाग का वाहन चालक राजेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया, जिन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया और प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए रेफर कर दिया गया है।
मामला देव प्रखंड के केताकी नहर रोड का है। सोमवार को उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली कि एक बाइक सवार भारी मात्रा में शराब लेकर इलाके से गुजरने वाला है। सूचना मिलते ही उत्पाद विभाग की टीम सब इंस्पेक्टर रमज जमा के नेतृत्व में मौके पर पहुंची और वाहन चेकिंग अभियान शुरू किया।
जैसे ही संदिग्ध बाइक सवार वहां से गुजरने लगा, टीम ने उसे रुकने का इशारा किया। लेकिन तस्कर ने रफ्तार बढ़ाते हुए टीम के वाहन चालक राजेश कुमार को जोरदार टक्कर मार दी और भागने की कोशिश की। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि राजेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और वहीं सड़क पर गिर पड़े। उन्हें तुरंत सदर अस्पताल लाया गया, जहां उनकी स्थिति को गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया गया।
घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। हालांकि, उत्पाद विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए बाइक सवार तस्कर का पीछा कर उसे धर दबोचा। उसके पास से शराब की खेप बरामद की गई है और उसकी बाइक भी जब्त कर ली गई है। फिलहाल, आरोपी से पूछताछ जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वह शराब कहां से ला रहा था और किन लोगों तक पहुंचाने वाला था।
उत्पाद अधीक्षक अनिल आजाद ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि “हमले में शामिल तस्कर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टीम पर हमले को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है।”
बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी कानून के बाद से शराब से जुड़ी गतिविधियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद अवैध शराब का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा। इससे पहले भी जिले में छापेमारी के दौरान उत्पाद विभाग की टीम को विरोध का सामना करना पड़ा है। यह ताजा घटना एक बार फिर इस बात की तस्दीक करती है कि तस्कर अब कानून की टीमों को निशाना बनाने से भी नहीं हिचक रहे।
इस सनसनीखेज घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शराबबंदी के बाद भी तस्करी पर पूरी तरह से रोक लग पाई है? साथ ही यह भी साफ हो गया है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली टीमों को अब और भी ज्यादा सतर्कता और सुरक्षा के साथ अपनी कार्रवाई को अंजाम देना होगा।