पटना/पहलगाम
जम्मू-कश्मीर के शांत कहे जाने वाले पहलगाम की वादियों में मंगलवार दोपहर 2:45 बजे खून की होली खेल दी गई। आतंकियों ने टूरिस्टों से भरी बैसारन घाटी को निशाना बनाया, जहां अंधाधुंध फायरिंग में 27 लोगों की जान चली गई। इस आतंकी हमले में बिहार के रोहतास जिले के अकोढ़ी गोला प्रखंड के रहने वाले और हैदराबाद में पोस्टेड IB अफसर मनीष रंजन की भी मौत हो गई। हैरान कर देने वाली बात यह रही कि उन्हें आतंकियों ने उनके मासूम बच्चों और पत्नी के सामने गोली मार दी।
मनीष रंजन इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के हैदराबाद कार्यालय में सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात थे। वह कुछ दिनों की छुट्टी पर अपने परिवार के साथ कश्मीर की खूबसूरती देखने आए थे। लेकिन किसी को क्या पता था कि यह छुट्टियां उनके लिए काल बन जाएंगी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकी बैसारन घाटी में पहले से घात लगाए बैठे थे। वे टूरिस्टों से नाम और पहचान पूछ रहे थे। जैसे ही उन्होंने मनीष रंजन की पहचान की, उन्होंने उन्हें अलग किया और सिर में गोली मार दी। इसके पहले ही यूपी के एक और टूरिस्ट शुभम द्विवेदी को भी आतंकियों ने नाम पूछने के बाद गोली मार दी थी।
रंजन की पत्नी और बच्चे इस पूरे घटनाक्रम के गवाह बने। हमले में वे किसी तरह बच गए, लेकिन इस दर्दनाक हादसे ने उन्हें ताउम्र का जख्म दे दिया है।
इस हमले के बाद घाटी में एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और सर्च ऑपरेशन जारी है। केंद्र सरकार ने हमले की निंदा करते हुए दोषियों को सख्त सजा देने की बात कही है।
क्या मनीष रंजन को टारगेट किया गया था?
सूत्रों की मानें तो मनीष की IB में तैनाती और उनकी पहचान हमले की एक बड़ी वजह हो सकती है। इससे सुरक्षा एजेंसियां यह मान रही हैं कि यह हमला सिर्फ आम पर्यटकों पर नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध हमला था।
परिवार की हालत बदतर
मनीष की मौत की खबर जैसे ही रोहतास स्थित उनके पैतृक गांव पहुंची, वहां मातम छा गया। परिजन सदमे में हैं और गांव में हर आंख नम है। पत्नी बेसुध है, और बच्चे बार-बार अपने पापा को ढूंढ रहे हैं।
अब क्या होगा?
सवाल यही है कि आखिर पहलगाम जैसे टूरिस्ट स्पॉट पर सुरक्षा में चूक कैसे हुई? IB अफसर को पहचान कर मारना आतंकी मंसूबों की गंभीरता को दर्शाता है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ा अलर्ट है।