FRIENDS MEDIA-BIHAR DESK
किसी भी अधिकारी के द्वारा आमजनों से किसी योजना का लाभ देने के लिए रिश्वत मांगने या भ्र्ष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध औरंगाबाद जिला पदाधिकारी के तेवर काफी कड़े हैं। शिकायत मिलने के बाद वैसे अधिकारियों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। बुधवार को जिला पदाधिकारी के पास सदर प्रखण्ड के लिपिक सह तात्कालिक नाजिर रणधीर कुमार सिंह के विरूद्ध अवैध राशि उगाही करने एवं भ्रष्टाचार में लिप्त रहने की शिकायत प्राप्त हुई है। जिसके जांच के बाद कार्रवाई का आदेश दिया । जांच के दौरान मनीष कुमार, वरीय उप समाहर्त्ता – सह – जिला नजारत उप समाहर्ता द्वारा भी प्रतिवेदित किया गया है कि पंचायत निर्वाचन, 2021 में व्यय की गयी राशि के अभिश्रव में रणधीर कुमार सिंह लिपिक द्वारा गड़बड़ी की गई है।
उक्त शिकायत की जांच हेतु सदर प्रखण्ड के प्रधान लिपिक के द्वारा निर्वाचन संबंधी अभिश्रव जिला लाया गया था। जांच के क्रम में तत्कालीन नाजीर, प्रखण्ड कार्यालय रणधीर कुमार सिंह के द्वारा अभिश्रव में गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया गया। दिनांक- 16 जुलाई 2022 को प्रखण्ड कार्यालय, में पुनः जांच के दौरान तत्कालीन नाजीर से जानकारी लिये जाने पर उनके द्वारा बताया गया कि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के द्वारा उन्हें ऐसा करने को कहा गया है। रणधीर कुमार सिंह, तत्कालीन नाजीर का उक्त कृत्य उनके भ्रष्टाचार में संलिप्तता को दर्शाता है तथा बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली- 1976 के कंडिका – 3.1 के उप कंडिका – (i), (ii), (iii) में निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। अतः जिला पदाधिकारी द्वारा बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली-2005 का नियम-9 (2) के आलोक में रणधीर कुमार सिंह, तत्कालीन नाजीर को भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने का दोषी पाते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। साथ ही निलम्बन अवधि में कुमार का मुख्यालय गोह प्रखण्ड निर्धारित किया गया है।
जिला स्थापना उप समाहर्त्ता को निर्देश दिया जाता है कि सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार पटना की अधिसूचना संख्या – 15983, दिनांक- 14 दिसम्बर 2017 के परिप्रेक्ष्य में रणधीर कुमार सिंह के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु विहित प्रपत्र में आरोप पत्र गठित कर एक सप्ताह के अंदर अधोहस्ताक्षरी के समक्ष उपस्थापित करना सुनिश्चित करेंगे।साथ ही प्रखण्ड विकास पदाधिकारी औरंगाबाद से स्पष्टीकरण की मांग की गई कि क्यों न इनकी मिलीभगत मानते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाय।इसके अतिरिक्त जिला में पदस्थापित आलोक कुमार, वरीय उप समाहर्ता आलोक कुमार को दिनांक- 20.07.2022 से अगले आदेश तक प्रखंड विकास पदाधिकारी, औरंगाबाद का सम्पूर्ण प्रभार सौंपा गया है।
आलोक कुमार, वरीय उप समाहर्त्ता प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, औरंगाबाद के सम्पूर्ण प्रभार में रहकर कार्य करना सुनिश्चित करेंगे।अधिसूचित प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश दिया गया है कि वे औरंगाबाद प्रखंड का सम्पूर्ण प्रभार आलोक कुमार, वरीय उप समाहर्ता (परीक्ष्यमान) को सौंपकर अनुपालन प्रतिवेदन भेजना सुनिश्चित करेंगे। साथ बिहार कोषागार संहिता के नियम-84 में प्रदत्त शक्ति के आलोक में आलोक कुमार, वरीय उप समाहर्त्ता (परीक्ष्यमान) को औरंगाबाद प्रखण्ड कार्यालय के सभी शीर्षों के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी की शक्ति भी प्रदान की गई है।
अब अगले आदेश तक आलोक कुमार वरीय उप समाहर्ता सदर प्रखंड में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के तौर पर कार्य करेंगे। गौरतलब सोमवार की बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा सभी कर्मियों को स्पष्ट आदेश दिया गया था कि यदि किसी कर्मी के विरुद्ध अवैध कृत्य की शिकायत प्राप्त होती है तो न केवल कर्मियों को बल्कि उनके वरीय पदाधिकारियों को भी जिम्मेदार माना जायेगा।