आधा दर्जन आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सश्रम आजीवन कारावास की सजा, सभी पर है हत्या करने का आरोप

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व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में शुक्रवार को जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने सत्रवाद संख्या -168/21, दाउदनगर थाना कांड संख्या -141/20 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए सभी छः अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि
सभी छः अभियुक्तों को को 04/01/23 को दोषी करार दिया गया था आज सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए भादंवि धारा-302/149 में सश्रम आजीवन कारावास और पचास हजार जुर्माना लगाया है जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास होगी। धारा -323/149 में सभी को एक साल साधारण कारावास और एक हजार जुर्माना, जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त साधारण कारावास तथा 27 आर्म्स एक्ट में सभी को पांच साल की सजा और बीस हजार जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न देने पर छः माह अतिरिक्त साधारण कारावास होगी।

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्त देवेन्द्र महतो, ओमप्रकाश राजवंशी नरेश राजवंशी पूर्व से जेल में बंद थे, अभियुक्त मिथलेश कुमार,रास बिहारी महतो, राजेन्द्र महतो को बंधपत्र विखंडित कर 04/01/23 को जेल भेज दिया गया था। अधिवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी 29/05/20 को मृतक राजेन्द्र प्रसाद के पुत्र सुर्येन्द्र कुमार भारतीय अयोध्या बिगहा मखरा दाउदनगर ने दर्ज कराया था ,जिसमें अभियुक्तों पर अपने पिता के हत्या का आरोप लगाया था और कहा था कि अभियुक्तों से जमीनी विवाद में पूर्व में हत्या की धमकी मिली थी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि जज साहब ने दोनों पक्षों के सज़ा के बिन्दु पर सुनने के पश्चात कहा कि प्रत्येक हत्या के सभी अपराध में मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता। हत्या के अपराध क्रुर और गंभीर होता है। तथा व्यक्तिगत के साथ साथ समाज के विरुद्ध होता है। भादंवि धारा 302 में न्युनतम सज़ा आजीवन कारावास होता है।सूचक की और से अधिवक्ता मिथलेश कुमार सिंह ने भी भाग लिया वहीं अभियोजन की ओर से आईओ मुकेश कुमार भगत, डाक्टर सुभाष सिंह सहित 12 गवाही हुए थे।