AURANGABAD – पत्नी की निर्मम हत्या : पति दोषी करार, 5 दिसंबर को सजा पर होगी सुनवाई

औरंगाबाद (बिहार) – औरंगाबाद के व्यवहार न्यायालय में एडिजे-2 धनंजय कुमार मिश्रा ने गोह थाना कांड संख्या 10/19 और एसटीआर 188/19 के मामले में सुनवाई करते हुए अभियुक्त लालबहादुर चौधरी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 201 के तहत दोषी करार दिया। इस मामले में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए एपीपी देवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि अदालत दोषी की सजा पर अंतिम निर्णय 5 दिसंबर 2024 को सुनाएगी।

घटना का विवरण

प्राथमिकी सूचक पवन चौधरी, निवासी भेलवा बाराचट्टी, गया, ने 11 जनवरी 2019 को गोह थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में बताया गया कि उनकी बहन रिंकू देवी की शादी 2013 में अभियुक्त लालबहादुर चौधरी से हुई थी। रिंकू देवी के दो बच्चे थे, जिनमें एक पांच साल की बेटी और तीन साल का बेटा शामिल है।

पवन चौधरी ने बताया कि 10 जनवरी 2019 की रात लगभग 12 बजे ग्राम गम्हरी के ग्रामीणों ने उन्हें फोन पर सूचित किया कि लालबहादुर चौधरी ने उनकी बहन पर तलवार से हमला किया। इस हमले में रिंकू देवी का सिर बुरी तरह जख्मी हो गया और एक हाथ भी काट दिया गया। इसके बाद दोषी ने किरासन तेल डालकर रिंकू देवी को जला दिया और शव को छुपाने का प्रयास किया।

जांच और कार्रवाई

सूचक पवन चौधरी ने घटना स्थल पर पहुंचकर घटना की पुष्टि की और न्याय की गुहार लगाते हुए थाना में आवेदन दिया। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए अभियुक्त लालबहादुर चौधरी को गिरफ्तार किया। तब से वह न्यायिक हिरासत में है।

अदालत का फैसला

अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर लालबहादुर चौधरी को पत्नी की हत्या और साक्ष्य छुपाने का दोषी पाया। अभियुक्त को 5 दिसंबर 2024 को सजा सुनाई जाएगी।

वकीलों की राय

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर और क्रूरता से जुड़ा हुआ है। अभियुक्त ने अपनी पत्नी के साथ न केवल हिंसक व्यवहार किया, बल्कि उसे जान से मारने के बाद सबूत मिटाने का भी प्रयास किया। अभियोजन ने मामले में दोष सिद्ध करने के लिए सभी आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत किए।

ग्रामीणों और परिवार की प्रतिक्रिया

इस मामले ने गम्हरी गांव और पीड़िता के परिवार को झकझोर दिया। ग्रामीणों और परिजनों ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि दोषी को कठोरतम सजा मिलेगी ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।

सजा का इंतजार

अब सभी की नजरें 5 दिसंबर पर टिकी हैं, जब अदालत सजा के बिंदु पर अपना अंतिम निर्णय सुनाएगी।