औरंगाबाद जिले में न्याय की उम्मीद लेकर आगे बढ़े आम नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत और कानून व्यवस्था के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर सामने आई है। 10 वर्ष पुराने पॉक्सो कांड में माननीय न्यायालय ने अभियुक्त चंदन कुमार को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।
यह मामला गोह थाना क्षेत्र के अंतर्गत 16 अगस्त 2014 का है। पीड़ित पक्ष ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि एक नाबालिग लड़की को ट्यूशन जाने के दौरान अभियुक्त ने अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस घटना के संदर्भ में गोह थाना कांड संख्या-92/14 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मामले की जांच करते हुए अनुसंधानकर्ता ने घटना के सभी पहलुओं पर बारीकी से साक्ष्य संकलित किए। गवाहों के बयान दर्ज कर ठोस आरोप पत्र तैयार किया गया, जिसे माननीय न्यायालय में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया।विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) शिवलाल मेहता के अनुसार, आज दिनांक 27 नवंबर 2024 को माननीय न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और अभियोजन के तर्कों को ध्यान में रखते हुए अभियुक्त चंदन कुमार को दोषी ठहराया।
धारा 376 भा.दं.वि. के तहत अभियुक्त को आजीवन कारावास और ₹50,000 का आर्थिक दंड।
धारा 366(ए) भा.दं.वि. के तहत 5 वर्ष का कारावास और ₹5,000 का आर्थिक दंड।
दोनों सजाएँ एकसाथ चलेंगी।
यह फैसला औरंगाबाद पुलिस की मेहनत और न्यायिक प्रक्रिया की प्रभावशीलता का परिणाम है। इस निर्णय से न केवल पीड़िता को न्याय मिला है, बल्कि समाज में यह संदेश भी गया है कि कानून का पालन करने में कोई कोताही नहीं की जाएगी।
यह निर्णय कानून के प्रति लोगों के विश्वास को और मजबूत करता है। पुलिस और न्यायपालिका के समन्वय से इस मामले में जो निर्णय आया है, वह एक ऐतिहासिक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।