औरंगाबाद। जिले में पुलिस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अपराध कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून की पकड़ से नहीं बच सकता। जिले के कासमा थाना क्षेत्र के अरथुआ गांव में हुए गृहभेदन व चोरी कांड का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए एक संगठित अंतर-जिला गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस की इस तेजतर्रार कार्रवाई में 09 कुख्यात अपराधकर्मी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
चोरी नहीं, पूरा गिरोह था – SIT की जबरदस्त छापेमारी
दिनांक 25 मई 2025 की रात अरथुआ गांव में एक घर में अज्ञात चोरों ने धावा बोलते हुए नकद ₹21,000, सोने-चांदी के आभूषण और मोबाइल फोन समेत कई कीमती सामान चुरा लिए थे।
इस संबंध में कासमा थाना कांड संख्या 72/25 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई। कांड की गंभीरता को देखते हुए औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक द्वारा SDPO सदर 02 के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया।
SIT ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी विश्लेषण और गुप्त सूचना संकलन के आधार पर पहले मुख्य आरोपी मनिता देवी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में मनिता ने चौंकाने वाले खुलासे किए – उसके गिरोह में कई पुरुष और महिलाएं शामिल हैं जो दिन में कचरा चुनने और भीख मांगने की आड़ में गांवों की रेकी करते थे और रात में वारदात को अंजाम देते थे।
गिरोह का तरीका – सुनसान मकानों की रेकी से लेकर रात में टेम्पू से चोरी तक
गिरफ्तार अपराधियों ने खुलासा किया कि वे गांव-गांव जाकर पहले घरों की रेकी करते, फिर रात में किराए के टेम्पू से उस घर तक पहुंचते। ताले तोड़कर या घर में घुसकर कीमती वस्तुएं चुराते और उन्हें जमीन में गाड़ देते थे। गिरोह का सरगना रविन्द्र मुसहर बाद में चोरी के माल का आपसी बंटवारा करता था।
गिरफ्तार किए गए आरोपी:
- मनिता देवी – मास्टरमाइंड, निवासी पवई
- सोनी कुमारी – सहयोगी, पवई
- सकुनतला देवी – सहभागी, पवई
- रंजय मुसहर – गिरोह सदस्य, पवई
- उपेन्द्र मुसहर – पवई
- रिंकु देवी – बभनडीह, कुटुंबा
- परम मुसहर – चितौड़गढ़
- बालेश्वर उर्फ मनोज मुसहर – धनहरा, जम्होर
- रोहित उर्फ गोलू मुसहर – सीरीस, बारुण
बरामद माल:
- सोने के आभूषण: मांगटीका, झुमका
- चांदी के जेवरात: पायल, बिछिया, अंगूठी, क्लिप, कानबाली
- मोबाइल फोन: 08
- दस्तावेज़: बैंक पासबुक, जमीन का केवाला
- अन्य सामान: कांड से संबंधित मोबाइल और अन्य निजी सामग्री
पुलिस अधीक्षक का बयान:
“औरंगाबाद जिले को अपराध मुक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है। यह गिरोह समाज में भ्रमणशील गतिविधियों की आड़ में अपराध करता था। हमारी टीम ने चुस्ती, तकनीकी मदद और जमीनी इनपुट से यह सफलता प्राप्त की। अन्य फरार अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।”
निष्कर्ष:
यह कार्रवाई न केवल औरंगाबाद पुलिस की कार्यकुशलता का प्रमाण है, बल्कि सामाजिक रूप से छिपे खतरनाक गिरोहों के विरुद्ध एक कड़ा संदेश भी है।
पुलिस की तत्परता और SIT की सूझबूझ से औरंगाबाद में एक बड़े अपराध नेटवर्क का अंत हुआ।
जनता से अपील है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दें।