पटना, 6 अक्टूबर।
मुख्य निर्वाचन आयोग ने आखिरकार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा कर दी है। इस बार राज्य में चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को कराई जाएगी। मतगणना (गिनती) 14 नवंबर 2025 को होगी। इसके साथ ही बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है और सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
दो चरणों में चुनाव की रूपरेखा
पहला चरण: 6 नवंबर 2025 — मतदान होगा। दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025 — शेष जिलों में वोट डाले जाएंगे।
गिनती की तारीख: 14 नवंबर 2025 (राज्यभर के सभी केंद्रों पर एक साथ मतगणना)।
नामांकन प्रक्रिया: जल्द ही निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बार बिहार को “मॉडल स्टेट” के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि
“बिहार देश का पहला राज्य है, जहां किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इससे मतदाता सुविधा और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जाएगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 22 साल में पहली बार बिहार की वोटर लिस्ट को पूरी तरह “शुद्ध” किया गया है। इस बार 21.53 लाख नए मतदाता जुड़े हैं, जबकि 3.66 लाख पुराने और डुप्लीकेट नाम हटाए गए हैं।
चुनावी तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था
राज्य भर में लगभग 72,000 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
सभी केंद्रों पर CCTV और वेबकास्टिंग की व्यवस्था होगी।
प्रत्येक बूथ पर पर्याप्त संख्या में महिला सुरक्षा कर्मी भी तैनात किए जाएंगे।
विशेष बल और ड्रोन निगरानी भी प्रमुख जिलों में तैनात रहेंगे।
राजनीतिक हलचल तेज
चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही सभी दलों में हलचल बढ़ गई है।
एनडीए (भाजपा–जदयू गठबंधन) विकास और स्थिर सरकार के मुद्दे पर जनता के बीच जाएगी।
महागठबंधन (राजद–कांग्रेस–लेफ्ट) बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बना रहा है।
छोटे दल और नए गठबंधन भी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार युवा और पहली बार वोट डालने वाले मतदाता चुनाव परिणाम पर निर्णायक प्रभाव डाल सकते हैं।
मतदाताओं से अपील
निर्वाचन आयोग ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपने वोटर कार्ड और नाम की जांच करें और लोकतंत्र के इस पर्व में शांतिपूर्वक, निष्पक्ष और निर्भीक होकर मतदान करें।
निष्कर्ष
चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही बिहार की सियासत में हलचल मच गई है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि इस बार सत्ता की कुर्सी किसके हिस्से आती है — “सत्ता की डगर पटना से दिल्ली तक असर डाल सकती है।”