बिना मुआवज़ा किसानों की फसल रौंदी गई: भारतमाला पर सरकार घिरी, 25 को पटना मुख्यमंत्री का घेराव तय

औरंगाबाद, बिहार।

भारतमाला परियोजना के तहत बिना मुआवज़ा दिए किसानों की सैकड़ों बीघा लहलहाती फसलों को ट्रैक्टरों से रौंद दिए जाने के बाद राज्यभर के किसान उग्र हो गए हैं। इस अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदेश के दर्जनों किसान संगठनों के नेता रविवार को पांडेय कर्मा और इगुनी डीहबार गांव पहुंचे और सरकार की नीतियों को “फिरंगी मानसिकता” करार देते हुए तीखा विरोध दर्ज कराया।

किसानों का आरोप है कि नबीनगर अंचल की अंचलाधिकारी निकहत परवीन ने पुलिस बल के सहयोग से सैकड़ों बीघा धान की फसल को रौंदवा दिया, वह भी बिना किसी पूर्व सूचना या मुआवज़े के। इस कदम से किसानों में भारी आक्रोश है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 25 अगस्त को पटना में मुख्यमंत्री आवास का घेराव होगा।

प्रमुख बिंदु:

  • किसान नेताओं ने सरकार और पीएनसी कंपनी को बताया “कॉर्पोरेट एजेंट”
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम अवहेलना – बिना मुआवज़ा जमीन अधिग्रहण
  • “कृषि प्रधान देश में कृषि को कुचला जा रहा है” – किसान नेता
  • अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी, बक्सर जैसे संघर्ष की तैयारी

कृषक संघर्ष की चिंगारी अब पूरे राज्य में फैलती दिख रही है। बक्सर, कैमूर और औरंगाबाद से आए नेताओं ने ऐलान किया है कि यह लड़ाई अब केवल एक गांव की नहीं रही, बल्कि यह पूरे बिहार के किसानों के अधिकार की लड़ाई बन चुकी है।

सरकार के लिए यह संकट की घड़ी है, क्योंकि अब यह केवल भूमि अधिग्रहण नहीं, बल्कि लोकतंत्र, किसान हित और संवैधानिक व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल बन गया है।