Vijay Srivastava :-
जहां प्यार रिश्तों को संवारता है, वहीं आजकल इसी प्यार के नाम पर रिश्तों की निर्मम हत्या की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पति-पत्नी का पवित्र रिश्ता भी अब शक, धोखा और लालच में बदलकर मौत का कारण बन रहा है।
नीले ड्रम में मिली लाश की सनसनी से लेकर हनीमून पर पति की हत्या, और अब औरंगाबाद के मदनपुर थाना क्षेत्र के आजाद बिगहा गांव में पति की हत्या कर प्रेमी संग भागने की घटना, यह बता रही है कि प्यार में वफादारी और सम्मान का स्थान अब स्वार्थ और अपराध ने ले लिया है।
आजाद बिगहा कांड: औरंगाबाद/बिहार
मदनपुर प्रखंड के आजाद विगहा गांव की रीता देवी ने अपने प्रेमी अरविंद भुइयां और उसके मामा के साथ मिलकर अपने ही पति सुनेश्वर भुइयां (43) की हत्या कर दी।
जांच में सामने आया कि रीता और अरविंद के बीच दो वर्षों से अवैध संबंध थे, जिसका विरोध सुनेश्वर करता था। इस विरोध ने रीता को अपने बच्चों के पिता को ही मौत की नींद सुलाने के लिए उकसाया।
हत्या की रात रीता ने सुनेश्वर को घर बुलाया। घर में पहले से मौजूद अरविंद और उसका मामा सुरेश भुइयां ने सुनेश्वर को एक गांव से दूर ले जाकर एक प्लानिंग के अनुसार मौत की नींद सुला दिया।
घटना के बाद एफएसएल टीम मौके पर जांच में जुटी, रीता देवी को हिरासत में लिया गया है,जिसने इस हत्या में शामिल होने का स्वीकृत बयान दी। जबकि अरविंद और उसके मामा की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
मृतक सुनेश्वर के पीछे चार छोटे बच्चे रोते बिलखते रह गए, जिनमें उसकी बड़ी बेटी की शादी इसी वर्ष मार्च में हुई थी।
जब प्यार मौत का सौदा बन जाए:
- नीले ड्रम कांड (दिल्ली): प्रेमिका ने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या कर शव को नीले ड्रम में भरकर छुपाया, लेकिन गंध फैलने पर राज खुला।
- हनीमून मर्डर (केरल): पत्नी ने हनीमून ट्रिप पर अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति को पहाड़ी से नीचे गिरा दिया।
- आजाद बिगहा कांड (औरंगाबाद): पत्नी ने प्रेमी और उसके मामा संग मिलकर मजदूरी कर परिवार पालने वाले पति को मार डाला।
सवाल:
- क्या रिश्तों में भरोसा और संवाद की कमी इतनी बढ़ गई है कि हत्या को समाधान माना जाने लगा है?
- क्या सोशल मीडिया, फिल्मों और इंटरनेट के प्रभाव ने प्रेम को अपराध में बदलने में भूमिका निभाई है?
- जिन बच्चों के सामने उनके पिता की हत्या कर दी जाती है, उनके भविष्य और मानसिक स्थिति का जिम्मेदार कौन?
समाज के लिए चेतावनी:
ये घटनाएं एक चेतावनी हैं कि अवैध प्रेम संबंध और विश्वासघात का अंत अक्सर हिंसा और बर्बादी पर होता है।
प्यार में पवित्रता और निष्ठा खोने से सबसे बड़ा नुकसान परिवार और समाज का होता है।
जरूरत है कि रिश्तों में संवाद बढ़े, संदेह और लालच को खत्म कर ईमानदारी से रिश्तों को निभाने की आदत डालें, ताकि प्यार का नाम लेकर रिश्तों की हत्या न हो।