AURANGABAD: मानवता को शर्मसार करने वाली सदर अस्पताल की घटना , डीएस पर भी गिर सकती है गाज ,जानिए क्या है पूरा मामला ?

औरंगाबाद। शहर में मानवता को शर्मसार करने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक एंबुलेंस से अस्पताल ले जाए जा रहे मरीज को बीच रास्ते में एंबुलेंस कर्मचारियों ने झाड़ियों में फेंक दिया और वहां से चले गए। इस अमानवीय घटना में मरीज की मौत हो गई। जब सड़क से गुजर रहे राहगीरों की नजर झाड़ियों में पड़े शव पर पड़ी, तब उन्होंने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक हादसे में गंभीर रूप से घायल एक शख्स को औरंगाबाद के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज की नाजुक स्थिति को देखते हुए अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर करने का निर्णय लिया। अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को ले जाने के लिए एक एंबुलेंस का इंतजाम किया, जिसमें ड्राइवर, स्ट्रेचरमैन और एक अन्य कर्मचारी को मरीज को हायर सेंटर पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया।

इस बीच, एंबुलेंसकर्मी हरेंद्र कुमार और स्ट्रेचरमैन सुरंजन कुमार मरीज को लेकर हायर सेंटर की ओर रवाना हुए, लेकिन उन्होंने मरीज को बीच रास्ते में ही छोड़ दिया। आरोप है कि उन्होंने मरीज को झाड़ियों में फेंक दिया और वाहन समेत वहां से निकल गए। इस अमानवीयता के कारण मरीज की वहीं मौत हो गई।

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी

पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। फुटेज में स्ट्रेचरमैन को मरीज को एंबुलेंस में लादते हुए देखा गया। जांच के आधार पर पुलिस ने हरेंद्र कुमार और सुरंजन कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एंबुलेंस ड्राइवर की तलाश जारी है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अस्पताल प्रबंधन पर ही आरोप लगाते हुए बताया कि उन्हें डीएस आशुतोष कुमार ने मरीज को सड़क किनारे छोड़ने का निर्देश दिया था। वैसे डीएस ने बताया कि हम सभी का इलाज करते हैं भला हम ऐसा निर्देश क्यों देंगे।

अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए इसे गैर-जिम्मेदाराना और शर्मनाक बताया है। असिस्टेंट चीफ मेडिकल ऑफिसर (एसीएमओ) किशोर कुमार ने इस घटना पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और पूरे मामले की जांच की जाएगी। दोषियों पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

औरंगाबाद की यह घटना एक ओर जहां चिकित्सा पेशे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, वहीं मानवता के मूल्यों को भी चोट पहुंचाती है। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है, ताकि जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाया जा सके।