औरंगाबाद। जिले में दहेज हत्या के एक सनसनीखेज मामले में व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे-8 ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। रफीगंज थाना कांड संख्या 42/23 में पति मुन्ना सिंह उर्फ पंकज और ससुर गिरिजेश सिंह (खड़वा, रफीगंज) को दहेज हत्या के अपराध में 20-20 साल की कठोर कारावास और 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना नहीं देने पर दोनों को 2-2 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
इस मामले में एपीपी रविन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि अभियोजन की ओर से डॉ. उदय कुमार और आईओ रामईकबाल यादव समेत छह गवाहों की गवाही कराई गई थी। अदालत ने दोनों अभियुक्तों को 8 जुलाई 2025 को दोषी ठहराया था।
क्या है मामला?
नवीनगर इटवा नोनिया बिगहा निवासी मृतका के भाई सोनू सिंह ने 30 जनवरी 2023 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि बहन की शादी 2020 में बुलेट और अन्य उपहार देकर की गई थी। बुलेट की 25 किश्तें भाई ने चुका दी थीं, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर शेष 15 किश्त बहनोई से चुकाने की गुहार लगाई। इस पर बहनोई ने धमकी दी थी कि “इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”
29 जनवरी 2023 को फाइनेंस कंपनी किश्त नहीं चुकाने पर बुलेट जब्त कर ले गई। अगले दिन 30 जनवरी को सुबह 10 बजे मृतका ने भाई को फोन कर कहा था – “यहां से मुझे ले चलो, नहीं तो ये लोग जान से मार देंगे।” उसी दिन दोपहर 2:30 बजे गांव से फोन आया कि उसकी बहन को मार दिया गया है और शव को जलाने की कोशिश की जा रही है। सूचना मिलने पर परिजन गांव पहुंचे तो मृतका का शव बिस्तर पर पड़ा था, गले पर दबाने के निशान थे। परिजनों ने तुरंत रफीगंज थाना को सूचना दी।
अदालत में बहस:
सजा के बिंदु पर बचाव पक्ष ने आरोपियों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं होने का हवाला देकर न्यूनतम सजा की मांग की, जबकि एपीपी ने दहेज हत्या को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए अधिकतम सजा देने की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद एडीजे-8 ने दोनों दोषियों को 20-20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई।
समाज में संदेश:
इस फैसले ने समाज में दहेज हत्या जैसे जघन्य अपराध करने वालों के लिए कड़ा संदेश दिया है कि दहेज के लोभ में किसी की जान लेने वालों को कानून बख्शने वाला नहीं है।