औरंगाबाद । व्यवहार न्यायालय में एडिजे चार न्यायाधीश आनंद भूषण ने ओबरा थाना कांड संख्या -144/94, एसटीआर -256/96 में तीन अभियुक्तों को दोषी ठहराया है। इन अभियुक्तों में रामाशीष सिंह, रामदेव सिंह, और जगदीश सिंह का नाम शामिल है, जिन पर 1994 में रामपुर ओबरा के निवासी जनार्धन यादव की हत्या का आरोप था।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सभी अभियुक्तों को बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया है। सजा की घोषणा 20 नवंबर 2024 को भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 के तहत की जाएगी।
इस मामले में एपीपी अनिल कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि प्राथमिकी 25 अक्टूबर 1994 को रामचंद्र सिंह द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसमें कहा गया था कि उनके भाई जनार्धन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना का कारण जमीनी विवाद बताया गया था।
विवेचना के दौरान घटना स्थल से एक जिंदा गोली और दो खोखे बरामद किए गए थे, और 13 जुलाई 1995 को चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की गई थी। मामले में आरोप गठन 1 मार्च 2000 को हुआ था।