AURANGABAD: “चारो तरफ अंधेर मचा है पानी महंगा सस्ता खून, ऐ है कैसा कुदरत का कानून” लोग पलायन करने पर हो रहे हैं मजबूर

विजय श्रीवास्तव

औरंगाबाद। जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न वार्डों में इन दिनों पीने के लिए लोगों को पर्याप्त पानी नसीब नहीं हो रही है। एक तरफ गर्मी भी लोगों के सर चढ़कर बैठा है। ऐसे में कुदरत का कानून फिल्म का वो गाना “चारो तरफ अंधेर मचा पानी महंगा सस्ता खून, ऐ कैसा कुदरत का कानून” बिल्कुल सही प्रतीत हो रहा है। पीने के पानी के लिए हर जगह हंगामा मचा है।

स्थानीय निवासी अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि वार्ड 16 अवस्थित महाबीर मंदिर के पास, लालिता प्रसाद रोड, चौधरी गल्ली, भीतर बाजार में पीने के पानी को लेकर निवासियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रेम और सौहार्द से साथ रहने वाले लोगों में पानी के लिए रोज बहस होती रहती है। इस समस्या को दूर करने में नगरपरिषद औरंगाबाद असफल साबित हो रही है।

अधिवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि नगरपरिषद की असफलता के कारण यहां के निवासियों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। कई पुरखों से निवास कर रहे लोग अब पलायन को मजबूर हो रहे हैं। यह स्थिति केवल वार्ड 16 की नहीं है बल्कि जिले के अन्य हिस्सों में भी यही हालात हैं।

पानी की गंभीर समस्या के चलते लोग अब पलायन का रास्ता चुनने पर मजबूर हो रहे हैं। कई परिवार पहले ही अपने घरों को छोड़कर दूसरे स्थानों पर बसने के लिए मजबूर हो गए हैं। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकला गया तो और भी अधिक संख्या में लोग पलायन कर सकते हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि पानी की समस्या का समाधान केवल उचित योजना और नगरपरिषद की सक्रियता से ही संभव है। प्रशासन को तुरंत प्रभाव से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके साथ ही, जल संरक्षण के लिए भी लोगों को जागरूक करना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।

औरंगाबाद जिले में पानी की गंभीर समस्या ने निवासियों को भारी परेशानी में डाल दिया है। नगरपरिषद की असफलता और गर्मी के कारण पानी की किल्लत ने लोगों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए ताकि लोग अपने घरों में सुरक्षित और सुखी रह सकें।