“जनता की सुरक्षा का दम भरने वाला दारोगा निकला घूसखोर” थाने के गेट पर 20 हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथ धराए

औरंगाबाद/बिहार पुलिस विभाग की छवि को शर्मसार करने वाला मामला बुधवार देर रात उजागर हुआ, जब नगर थाना में पदस्थापित दारोगा उमेश राम को निगरानी विभाग पटना की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।

सूत्रों के मुताबिक, दारोगा नगर थाना गेट पर अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा से गैस सिलेंडर छोड़ने के एवज में 20 हज़ार रुपये की अवैध मांग कर रहे थे। शिकायत पर निगरानी विभाग की पांच सदस्यीय टीम ने जाल बिछाकर रात 9 बजे उन्हें 20 हज़ार की नगदी सहित धर दबोचा।

दरअसल, राजेश कुमार सिन्हा की पत्नी सीमा कुमारी के नाम से गैस एजेंसी सीएसपी ब्रांच चल रही थी, जिस पर अनियमितता की शिकायत हुई थी। छापेमारी में 80 सिलेंडर बरामद होने के बाद नगर थाने में कांड दर्ज किया गया था। इसी मामले के अनुसंधानकर्ता बने दारोगा उमेश राम ने सिलेंडर मुक्त कराने के नाम पर लगातार 20 हज़ार रुपये की मांग की थी।

निगरानी डीएसपी पवन कुमार ने पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायत की सत्यता मिलने पर दारोगा को थाने के गेट पर ही रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।

गौरतलब है कि उमेश राम का तबादला नालंदा के लिए हो चुका था और एसपी ने मंगलवार को ही उन्हें विरमित कर दिया था। इसके बावजूद चार्ज न छोड़कर वे औरंगाबाद में ही सक्रिय बने रहे और रिश्वतखोरी करते रंगे हाथ पकड़े गए।

यह कार्रवाई पुलिस विभाग के लिए करारा तमाचा मानी जा रही है।