नबीनगर/औरंगाबाद से बड़ी खबर —
भारतमाला परियोजना के नाम पर पिछले दो वर्षों से चल रहे अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण और लहलहाती फसलों को रौंदे जाने के खिलाफ किसानों का सब्र आखिर टूट गया। चिंतावन बिगहा गांव में शुक्रवार को सैकड़ों किसानों ने उग्र बैठक कर सरकार और सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर हल्ला बोला।
बैठक की अध्यक्षता झरहा निवासी प्रो. जयराम सिंह ने की जबकि संचालन भाकियू के राज कुमार सिंह ने किया। बैठक में भारतीय किसान यूनियन के बिहार-झारखंड प्रभारी दिनेश कुमार सिंह और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अशोक प्रसाद सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
किसानों ने एकजुट होकर चेतावनी दी—
“बिना मुआवजा हमारी जमीन पर कब्जा, फसलें रौंद दी गईं, और अब वोट मांगने चले आए हैं नेता! अबकी चुनाव में न एनडीए को, न महागठबंधन को— किसी को वोट नहीं देंगे!”
बैठक में ग़ुस्साए किसानों ने स्थानीय विधायक राजेश राम का खुलकर विरोध किया और आरोप लगाया कि उन्होंने विधानसभा में भूमि अधिग्रहण जैसे गंभीर मुद्दे पर जानबूझकर चुप्पी साध ली। भाकियू प्रदेश प्रभारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा
“जब विधायक अपने ही क्षेत्र के किसानों की आवाज़ नहीं उठा सके तो समझिए कुछ तो कंपनी से ‘लेन-देन’ जरूर हुआ है।”
संयुक्त किसान मोर्चा के अशोक प्रसाद सिंह ने तीखे शब्दों में कहा—
“यहां किसानों के लिए एक तरफ एनडीए ‘सांपनाथ’ है तो दूसरी तरफ महागठबंधन ‘नागनाथ’। कोई भी पार्टी किसानों के दर्द को नहीं समझती। किसान वोट देते वक्त जात-पात में बंट जाता है, जबकि उसे किसान बनकर वोट देना चाहिए — तभी नेता हमारे तलवे चाटेंगे।”
भाकियू जिला संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह ने संकेत दिया कि
“अगर अन्याय यूं ही जारी रहा तो कुटुंबा विधानसभा के करीब चालीस गांवों के किसान वोट बहिष्कार करेंगे।”
बैठक में अवधेश सिंह, अखिलेश सिंह, सुनील सिंह, अनिल सिंह, बिजेंद्र मेहता, भोला पांडेय, अजय पांडे, विक्की सिंह, संजय सिंह समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे।
किसानों का गुस्सा और चेतावनी अब प्रशासन और राजनेताओं के लिए गहरी चिंता का सबब बन चुका है।







