AURANGABAD: थानाध्यक्ष प्रयास करें कि उनका क्षेत्र मुकदमा मुक्त क्षेत्र हो, तभी पुलिस की छवि नागरिक हितैषी होगी – सचिव

FRIENDS MEDIA : BIHAR DESK

औरंगाबाद : थानाध्यक्ष प्रयास करें कि उनका क्षेत्र मुकदमा मुक्त क्षेत्र हो। तभी पुलिस की छवि नागरिक हितैषी होगी। यह बातें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने बुधवार को राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर जिले के समस्त थानाध्यक्षो के साथ बैठक के दौरान कही। गौरतलब है कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शुकुल राम अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौरभ सिंह के द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कॉन्फ्रेंस हॉल में जिले में पदस्थापित सभी थानाध्यक्षो की एक बैठक आयोजित की गयी।

बैठक में आगामी 13 मई को अयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के सफलता हेतु थानाध्यक्षो के द्वारा उनके स्तर से मामलों के चिंहित कर अपने अपने थाना क्षेत्र में लोक अदालत के सम्बंध में जागरूक कर अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन करवाने हेतु प्रेरित किया गया। बैठक में सचिव ने थानाध्यक्षो को कहा कि प्राधिकार ने विभिन्न न्यायालयों में लंबित लगभग 1600 सुलहनीय वादों की सूची थानावार तैयार की है जिसको आपलोगो को उपलब्ध करायी जा रही है जिनमे सैंकड़ो ऐसे मामले है जो दशकों पुराने है जिसको थोड़ा प्रयास से खत्म किया जा सकता है। जिसमे आपकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उक्त मामलो में पक्षकारों से सम्पर्क स्थापित कर उन्हें प्रोत्साहित करें कि उक्त मामलों को खत्म कर भाई चारे प्रेम के वातावरण और विवाद मुक्त समाज बनाने में प्रशासन का सहयोग करें।

अगर उन्हें पक्षकारों के काउंसलिंग में आवश्यकता पड़े तो वे पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार अथवा संबंधित न्यायालय में भेजें,साथ ही आप अपने थाना स्तर पर ध्यान दें कि लोक अदालत के सम्बंध में निर्गत नोटिस को पक्षकारों तक समयानुसार पहुँच जाये और ध्यान रखे कि नोटिस की तामिला कराते वक्त पक्षकारों के तमिला पर नाम और संपर्क संख्या अवश्य अंकित करा लें, ताकि संबंधित न्यायालय और जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने स्तर से भी पक्षकारों को राष्ट्रीय लोक अदालत में उनके वादों को निस्तारण कराने में प्रयास करे। साथ ही वे राष्ट्रीय लोक अदालत के सफलता में महत्वपूर्ण कड़ी हैं अतः लोक अदालत की सफलता हेतु थानाध्यक्ष अपने स्तर से भी लोगो को जागरूक करें इसमे स्थनीय स्तर के जनप्रतिनिधियों के साथ साथ अधीनस्थ कर्मचारियों का मदद प्राप्त कर पक्षकारों को उनके वादों के राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण करवाने हेतु जागरूक करें।

इस बैठक में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शुकुल राम ने थानाध्यक्षो को कहां की लोक अदालत से सम्बंधित जितनी भी नोटिस न्यायालय और प्राधिकार से भेजी जा रही है उन्हें ससमय पक्षकारों तक पहुँचे इसकी निगरानी स्वयं थानाध्यक्ष खुद करेंगे तो नोटिस तमिला समय से हो जाएगा और थानाध्यक्ष राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता और वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हेतु खुद लोगो को प्रेरित करे तो राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड वादों का निस्तारण हो जाएगा अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौरभ सिंह ने थानाध्यक्षों से कहा कि अगर वे उक्त समस्त बातों पर गंभीरतापूर्वक अपने स्तर से कार्रवाई करेंगे तो न सिर्फ आपके द्वारा पूर्व में किए गए प्रयास से जो सफलता राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निस्तारण के रूप में हुई है उस से बढ़कर इस बार भी वादों का निस्तारण में रिकॉर्ड स्थापित होगा। साथ ही थाना क्षेत्र छोटे मोटे विवाद से मुक्त भी होगा पुलिस की छवि लोगो के बीच विवाद सुलझाने में सहायक वाली होगी । बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि थानाध्यक्ष अपने इलाके के जनप्रतिनिधियों को बुलाकर लोक अदालत के संबंध में उन्हें जागरूक करें, ताकि वह अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अन्य लोगों को भी लोक अदालत के लिए जागरूक कर अपने गांव-मुहल्ले को विवाद मुक्त बनाये।