AURANGABAD : राष्ट्रीय मार्ग बना पशु तस्करी का मुख्य मार्ग , हरदिन गुजरती है पशु लदी गाड़ियां

FRIENDS MEDIA DESK

औरंगाबाद से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग पशु तस्करों का स्वर्ग बन गया है । आए दिन पशु तस्करी की घटना सामने आती है विगत दिनों मुफस्सिल थाने एवं दाऊदनगर थाने के द्वारा पशुओं से लदे वाहनों को जप्त किया गया था यह पशु प्रायः उत्तर प्रदेश से सड़क पर से चोरी करके बिहार के रास्ते राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 से होते हुए कोलकाता तक जाते हैं गौ ज्ञान फाउंडेशन दिल्ली की एक संस्था है जो जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है इस संस्था को इस तस्करी की सूचना लगी संस्था के स्वयंसेविका आर लता देवी ने सूचना के सत्यापन के लिए कई स्थानों का भ्रमण किया और पाया कि मोहनिया कैमूर खुरमाबाद रोहतास बारुण एवं औरंगाबाद के कई स्थानों यथा बसंत बिजोलिया कासमा रफीगंज जैतिया अमझर शरीफ , शिवगंज से पशुओं की तस्करी धड़ल्ले से की जा रही है कानून की बात करें तो बिहार राज्य पशु संरक्षण एवं सुधार अधिनियम की धारा 4B के अनुसार कोई भी पशुओं को बिहार राज्य से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है । इस बाबत पशुपालन विभाग बिहार सरकार ने के सचिव ने स्पष्ट अधिसूचना जारी कर बिहार राज्य के सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को यह निर्देश दिया है कि बिहार राज्य से बाहर किए जाने वाले पशुओं की तस्करी पर रोक लगाएं । कहने को तो औरंगाबाद में जिला पशु क्रूरता निवारण समिति का गठन हो गया है । इस समिति का कार्य ही है जिले भर में होने वाले पशुओं के प्रति क्रूरता एवं पशु तस्करी पर रोक लगाना लेकिन आज तक इस समिति के द्वारा एक भी पशुओं को न तो जप्त किया गया है और न ही पुनर्वास कराया गया है सब कागजों पर चलने वाली समितियां हैं ।ऐसे में दिल्ली की यह संस्था इन पशुओं के लिए एक रक्षक बनकर उभरी है और संस्था ने इस जिले में देवकुंड में गौशाला का भी निर्माण कराया है ।इस संस्था के सदस्य आये दिन पशु तस्करों से गोवंश को चंगुल से मुक्त पशु तस्करों के चंगुल से गोवंश को मुक्त कराते हैं उनका मुकदमा लड़ते हैं तथा उन्हें गौशाला में पुनर्वास कराते हैं| उनका संरक्षण भी करते हैं । पकड़े जाने वाले इन ट्रकों में प्रायः पशु तस्कर मिर्ची और मैग्नीशियम सल्फेट का घोल लेकर चलते हैं । गाड़ी के अंदर पशुओं की आंख में मिर्ची डाला जाता है जिससे वह बैठ नहीं सके तथा उन्हें मैग्निशियम सल्फेट का घोल पिलाया जात है ताकि उनका मल एवं मूत्र अवरुद्ध हो जाए जिससे कि वह पकड़ में ना आ सके । ऐसे पशुओं को इंजेक्शन भी लगाया जाता है ताकि वह आवाज ना करें ।

संस्था के अधिवक्ता शशांक शेखर की माने तो औरंगाबाद में संडा ,बारून ,शिवगंज एवं गोह आदि स्थानों में अवैध पशु मेले संचालित हैं जो कि पशु तस्करी का एक बड़ा अड्डा भी है । इसके अलावा उत्तर प्रदेश से भी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -2 से बड़ी संख्या में पशुओं की तस्करी की जाती है जो पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश तक जाते हैं और इसमें पशु तस्करों का एक बड़ा सा गिरोह शामिल है , तथा इसमें लाखों करोड़ों अरबों का धंधा किया जाता है । इससे होने वाली काली कमाई का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में तथा अपराधियों के संरक्षण में किया जाता है । इस धंधे में कई स्तरों पर पशु तस्कर मुनाफा कमाते हैं जिसमें इंट्री माफिया का भी एक रोल अहम है। यह बात देखने में आइ है कि ऐसे लोग पशु तस्करी वाले वाहनों के आगे और पीछे वाहन को एस्कॉर्ट करके एक थाने से दूसरे थाने के क्षेत्राधिकार को पार कराने का ठेका लेते हैं । जिसमें उन्हें अच्छी खासी कमाई होती है l इन सबके बीच पशुओं पर होने वाला अत्याचार एक अलग बात है । और बेचारे मुक पशु सब तरफ से पिसे जाते हैं । संस्था के सदस्य इन मुक्त पशुओं को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा उन्हें सूचना मिलने पर वे यथासंभव इन पशुओं को प्रशासन के सहयोग से मुक्त करवाकर गौशाला में पुनर्वास की चिंता करते हैं l इसी क्रम में आज बिना नंबर प्लेट की एक कंटेनर गाड़ी जो उत्तर प्रदेश से चलकर पश्चिम बंगाल की तरफ जा रही थी गौ ज्ञान फाउंडेशन के सदस्यों को देखकर दाउदनगर के तरफ मुड़ गई, जिसे भरथौली शरीफ में जप्त किया गया है । मुफस्सिल थाना सूचना पर घटनास्थल पर पहुंच एफआईआर एवं पुनर्वास की कार्रवाई शुरू की । एक वाहन के अंदर 40 से अधिक गोवंश ठूस ठूस कर बेरहमी से भरा गया है ।

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