AURANGABAD : व्यवहार न्यायालय में आज से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू

औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में हड़ताल पर

औरंगाबाद। 16 जनवरी, 2025 से औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल की घोषणा की गई है। यह जानकारी व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्रीकांत कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि सभी न्यायिक कर्मचारी कल से गेट के बाहर बसंत बहार होटल के सामने धरना देंगे।

हड़ताल के कारण

कर्मचारी संघ ने चार प्रमुख मांगों को लेकर यह हड़ताल बुलाई है:

1. वेतन विसंगतियों को दूर करना।

2. शत-प्रतिशत अनुकंपा आधारित नौकरी।

3. तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का पदोन्नति।

4. विशेष न्यायिक कैडर की स्थापना।

इस हड़ताल के संदर्भ में एक ज्ञापन व्यवहार न्यायालय के प्रधान जिला जज श्री राजकुमार वन को सौंपा गया। इसके साथ ही, सभी अदालतों की ताले की चाबियां कार्यालय में जमा कर दी गई हैं। संघ ने दावा किया कि इस हड़ताल में अंशुलिपिक, लिपिक, बयान लेखक, कार्यालय परिचारी, ड्राइवर, और चौकीदार सहित सभी न्यायिक कर्मचारी एकजुट हैं।

हड़ताल के कारण अदालत के सभी प्रमुख कार्यों पर असर पड़ने की संभावना है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि:

रिमांड और रिहाई (रिमांड और रिलीज) के कार्य बाधित हो सकते हैं।

धारा 164 के बयान दर्ज करने में देरी होगी।

अग्रिम और नियमित जमानत याचिकाओं पर सुनवाई प्रभावित होगी।

शराब सेवन के अभियुक्तों से जुर्माना वसूली रुकेगी।

सिविल और आपराधिक मामलों की दाखिला, सुनवाई, गवाही और निर्णय लंबित रहेंगे।

उच्च न्यायालय पटना के किसी भी आदेश का अनुपालन प्रभावित हो सकता है।

यह हड़ताल बिहार में पहली बार राज्य स्तरीय न्यायिक कर्मचारी संघ के गठन के बाद हो रही है। इससे अधिवक्ताओं और मुवक्किलों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

संघ के सभी सदस्य इस हड़ताल में पूर्ण समर्थन दे रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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