
रफीगंज (औरंगाबाद)। रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों विकास, जनसंपर्क और पारदर्शिता की चर्चा जोरों पर है। इस चर्चा के केंद्र में हैं गुलाम शाहिद, जिन्होंने नगर पंचायत के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बुनियादी सुविधाओं और सार्वजनिक सहभागिता को प्राथमिकता दी।
स्थानीय नागरिक बताते हैं कि शाहिद के कार्यकाल में सड़क निर्माण, जल निकासी, सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट जैसी योजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई। समाजसेवी रोहित कुमार दांगी कहते हैं, “गुलाम शाहिद ने हमेशा जनता से संवाद बनाकर काम किया। उनकी शैली पारदर्शी रही है और यही कारण है कि लोग उन्हें भरोसेमंद मानते हैं।”

रफीगंज निवासी मुकेश कुमार का कहना है कि “पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि कोई प्रतिनिधि हर गली-मोहल्ले तक जाकर लोगों की बात सुनता है और उसका समाधान कराने की कोशिश करता है।”
गुलाम शाहिद का कहना है कि विकास हमेशा निरंतर प्रक्रिया है — “रफीगंज जैसे उभरते क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और युवाओं के कौशल विकास को साथ लेकर चलना ज़रूरी है। प्रशासन और जनता की साझेदारी से ही स्थायी विकास संभव है।”

सूत्रों के अनुसार, शाहिद की प्राथमिकताओं में आने वाले समय में रफीगंज के सभी वार्डों में स्वच्छता अभियान को सुदृढ़ करना, स्मार्ट लाइटिंग सिस्टम लागू करना, छात्रों के लिए शैक्षणिक सहायता केंद्र खोलना और स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोज़गार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना शामिल हैं।
सामाजिक क्षेत्र के जानकार मानते हैं कि इस तरह की पहलें यदि योजनाबद्ध रूप से लागू होती हैं, तो रफीगंज क्षेत्र नगर विकास के साथ-साथ सामाजिक समरसता का भी उदाहरण बन सकता है।
स्थानीय नागरिकों में यह विश्वास बढ़ रहा है कि रफीगंज अब विकास, पारदर्शिता और जनसहभागिता के नए दौर में प्रवेश कर चुका है।








