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औरंगाबाद। व्यवहार न्यायालय में मंगलवार को अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी योगेश कुमार मिश्र ने महिला थाना कांड संख्या -19/22,विचारण संख्या -2661/23 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए दहेज के लिए क्रुरता के शिकार हुई पीड़िता नेहा (काल्पनिक नाम) मनोकामना मंदिर नागा बिगहा औरंगाबाद के आरोप सत्य पाते हुए उसके पति
रितेश कुमार और सास आशा देवी को सज़ा सुनाई है। सहायक अभियोजन पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि अभियुक्त पति रितेश कुमार को भादंवि धारा -498 ए में तीन साल की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है । दहेज प्रतिषेध अधिनियम धारा 04 में एक साल की सजा और दो हजार जुर्माना लगाया है और धारा -323 में तीन माह की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
सास आशा देवी को भादंवि धारा -498 ए में दो साल की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया है। दहेज प्रतिषेध अधिनियम धारा 04 में एक साल की सजा और दो हजार जुर्माना लगाया है तथा धारा 323 में तीन माह की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी 27/04/22 को पीड़िता ने दर्ज कराई थी जिसमें कहा था कि हमारी शादी रितेश कुमार से 24/11/16 को हुई थी। मेरा एक लड़का एक लड़की है। पति रांची में युनियन बैंक आफ इंडिया के मैनेजर पद पर थे। हमेशा दहेज के लिए प्रताड़ित और मारपीट करते थे पति कहते थे कि बच्ची के शादी के लिए 20 लाख और क्रेटा गाड़ी मांग कर लाओ अन्यथा बच्ची को लेकर पिता घर चली जाओ। 27/04/22 को काफी मारपीट करते हुए जेवर छिन घर से निकाल दिया। कुछ दिन बाद पिता जी समझोता वार्ता करा रहे थे तो सास आशा देवी ने गला दबाकर मारना चाहा तो परिवार वालों ने बचाया। अभियुक्तों पर आरोप गठन 12/01/23 को हुई थी आरोप गठन के साल भर में सज़ा सुनाई गई है।