AURANGABAD : जिला स्वास्थ्य व्यवस्था पर कलेक्टर की सख्त नजर: सिजेरियन कम होने पर नाराज़गी, संस्थागत प्रसव बढ़ाने का निर्देश


समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक हुई, जिसमें जिले की सभी स्वास्थ्य योजनाओं और सेवाओं की बारीकी से समीक्षा की गई। बैठक का संचालन करते हुए डीपीएम मो. अनवर आलम ने बताया कि डीएम ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।

संस्थागत प्रसव बढ़ाने पर जोर

जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं के अंतिम त्रैमास में नियमित मोबाइल संपर्क और फॉलो-अप सुनिश्चित करने को कहा, ताकि संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव बढ़े।

सदर अस्पताल में सिजेरियन की कम संख्या पर नाराज़

सदर अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन कम होने पर डीएम ने नाराज़गी जताई और सिविल सर्जन व उपाधीक्षक को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया।

Additional PHCs और HWCs को मजबूत करने का निर्देश

उन्होंने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर सुविधाओं से लैस करते हुए प्रसव संख्या बढ़ाने और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में सेवाओं का विस्तार सुनिश्चित करने को कहा।

राष्ट्रीय मानकों पर स्वास्थ्य संस्थानों को खरा उतरने की बात

डीएम ने कहा कि लोग सरकार द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का गुणवत्तापूर्ण लाभ लें, इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुदृढ़ करना अनिवार्य है।

किन-किन बिंदुओं की समीक्षा हुई?

बैठक में इन प्रमुख विषयों की विस्तृत समीक्षा की गई—

मातृ-शिशु स्वास्थ्य

परिवार कल्याण एवं नियमित टीकाकरण

राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम

गैर संचारी रोग

संस्थागत प्रसव

दवा एवं डायग्नोस्टिक सेवाओं की उपलब्धता

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का संचालन

बैठक में उपस्थित अधिकारी

बैठक में सिविल सर्जन डॉ. लालसा सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी/गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. रवि रंजन, सभी उपाधीक्षक, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, जिला लेखा प्रबंधक मो. अफरोज हैदर, जिला योजना समन्वयक नागेंद्र केसरी, अनुश्रवण पदाधिकारी अविनाश कुमार समेत विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों के मैनेजर उपस्थित थे।

इसके अलावा WHO, UNICEF, UNDP, और पिरामल स्वास्थ्य सहित विकास सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की।