औरंगाबाद । आगामी 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दौरान संभावित बाल विवाह के रोकथाम एवं निषेध हेतु जिला पदाधिकारी, औरंगाबाद द्वारा निदेश जारी किया गया।इसके तहत जिले के दोनो अनुमंडल पदाधिकारी को बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध हेतु सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, थाना प्रभारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, बाल संरक्षण एवं बाल कल्याण से संबंधित पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के पदाधिकारी,जीविका के पदाधिकारी, मुखिया एवं पंचायत प्रतिनिधियों तथा शादी समारोह के संबंधित हितभागी यथा धर्मगुरु, टेंट, कैटरर, बैंड-बाजा,बत्ती,शादी कार्ड प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हाॅल इत्यादि के मालिकों के साथ बैठक कर बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध हेतु जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार सहित कारवाई का निदेश दिया गया।
इस हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी करना कानूनन जुर्म है! ऐसी शादी बाल विवाह माना जाता है! इस तरह की शादी में शामिल वर-वधू पक्ष के अभिभावक/संबंधी सहित पंडित/मौलवी/धर्मगुरू, टेंट, केटरर, बैंड- बाजा-बत्ती,शादी कार्ड प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हाॅल , बारात एवं शादी में शामिल वैसे सभी व्यक्ति जिनकी सहभागिता किसी भी रूप में शादी में हुई हो,कानून में उनके लिए दंड का प्रावधान है!इसके लिए दो वर्ष तक का कारावास और एक लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है! कानून तोड़ने वाले सभी व्यक्ति दंड के भागी होंगे ऐसी जागरूकता लायी जा रही है।