
आगामी विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी शक्ति मिश्रा लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं। टिकट की घोषणा के बाद से ही बसपा का प्रचार अभियान औरंगाबाद में नई ऊर्जा लेकर आया है। शक्ति मिश्रा समर्थक गांव-गांव जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं और जनता से “परिवर्तन और विकास” के नाम पर समर्थन मांग रहे हैं।

जनसंपर्क अभियान को नई दिशा
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शक्ति मिश्रा ने अपने प्रचार अभियान में युवाओं और महिलाओं को विशेष रूप से जोड़ा है। वह शिक्षा, रोज़गार और सामाजिक न्याय को अपनी प्राथमिकता बताते हैं। उनकी संस्था “शक्ति मिश्रा फाउंडेशन” के माध्यम से किए गए सामाजिक कार्यों का उल्लेख भी आम सभाओं में सुनने को मिलता है।

त्रिकोणीय मुकाबले के संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बसपा की सक्रियता ने औरंगाबाद में चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। जहां भाजपा और राजद अपनी-अपनी परंपरागत पकड़ बनाए हुए हैं, वहीं बसपा अब दलित-पिछड़ा और सवर्ण मतदाताओं में अपनी जगह बनाने में लगी है।
स्थानीय समीकरणों पर असर
शक्ति मिश्रा के समर्थक गांव स्तर पर छोटे-छोटे समूहों में संवाद कर रहे हैं। उनका कहना है कि “लोग अब विकल्प ढूंढ रहे हैं, और बसपा उस उम्मीद को पूरा कर सकती है।” इस बीच मिश्रा स्वयं भी रोजाना सभाओं और मीटिंगों के जरिए मतदाताओं से सीधे संवाद कर रहे हैं। वहीं ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर उसे पूरा करने का वादा भी कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषण:
औरंगाबाद विधानसभा की राजनीति इस बार रोचक मोड़ पर दिख रही है। बसपा की सक्रियता ने समीकरणों में हलचल पैदा की है, जिससे परंपरागत दलों के लिए चुनौती बढ़ी है।
स्थानीय मतदाता भी इस बार विकास और नए नेतृत्व की संभावना पर ध्यान दे रहे हैं।








