FRIENDS MEDIA DESK – AURANGABAD
एक तरफ मंगलवार को पूरा जिला प्रशासन बिहार दिवस को धूमधाम से मनाने की कवायद में जुटी थी तो दूसरी तरफ अपने साथ हुए अत्याचार पर दर्जनों महिला न्याय की गुहार लेकर समाहरणालय की चक्कर काट रही थी । मामला बारुण थाना क्षेत्र के पिपरा गणेश गांव की है। जहां सोमवार की रात मंदिर में होली गाने को लेकर दो पक्षों में विवाद उत्पन्न हो गया । धीरे धीरे मामला मारपीट और आगजनी में तब्दील हो गया । मंगलवार को इसकी शिकायत लेकर लगभग तीन दर्जन महिला व पुरूष एसपी कांतेश कुमार मिश्रा से मिलने पहुंचे ।
उनलोगों ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान बताया कि हमलोग गांव में होली गा रहे थे ।तभी गांव के कुछ दबंग लोग आकर यह कहकर होली गाने से मनाकर रहे थे कि हमारे रिश्तेदार में एक मौत ही गयी है । हमलोगों ने कहा मौत गांव में किसी की न हुई है , दूर के रिश्तेदार में हुई हैं न । तभी उनलोगों ने गाली गलौज करते हुए मारपीट करना शुरू कर दिया । महिलाओं को भी नही छोड़ा । इतना ही नही बल्कि झोपड़ी में आग लगा दी । दरवाजे पर लगे बाइक , सरकारी नल इत्यादि क्षतिग्रस्त कर दिया । उनलोगों ने इनसब का आरोप गांव के ही जयमंगल सिंह , संजय सिंह, विनय सिंह ,धनजय सिंह , अशोक सिंह, मोहन कुमार पर लगाया है ।
दरोगा पर भी लगाया जाती सूचक गाली देने का आरोप
शिकायत करने आये लोगों आवेदन में बारुण थाना में पदस्थापित दरोगा पर भी जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाया है । उनलोगों ने बताया विवाद के विपक्ष के लोग बारुण थाना में फोनकर अपने स्वजातीय प्रमोद यादव को बुलाया । प्रमोद यादव जो बारुण थाना के एसआई है । सूचना के बाद वे आये और हमलोंग जो मंदिर में होली गा रहे थे सब को मारना शुरू कर दिए । वहीं जातिसूचक गालियां देने लगे । बाद में जब हमलोग बारुण थानाध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की तो वे भी टाल मटोल करते दिखे । जिसके कारण विवश होकर एसपी के शरण में आना पड़ा। हालांकि इस दौरान उन्हें एसपी से मुलाकात नही हो सकी । जिसके बाद एसडीपीओ गौतम शरण ओमी से मिलकर अपनी पीड़ा सुनाई । एसडीपीओ ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है । दोषियों को जरूर सजा मिलेगी।