औरंगाबाद, बिहार।
आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर ओबरा क्षेत्र में चुनावी माहौल तेजी से गरमा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस बार भी वर्तमान विधायक ऋषि कुमार पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा टिकट दिया है। पिछले कार्यकाल में विकास कार्यों के जरिए अपनी उपस्थिति मजबूत करने वाले ऋषि कुमार अब दूसरी बार जनता के बीच नए जोश और वादों के साथ उतरे हैं।
विकास और जनता से जुड़ाव पर फोकस
सूत्रों के अनुसार, हाल के महीनों में विधायक ऋषि कुमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में कई योजनाओं का उद्घाटन किया है — जिनमें मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत सड़कों और सामुदायिक भवनों का निर्माण प्रमुख है। दाउदनगर प्रखंड के नवरतनचक में सड़क निर्माण के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा, “हमारी राजनीति वादों की नहीं, काम की है। आने वाले समय में हर पंचायत को पक्की सड़क और हर परिवार को सम्मानजनक रोजगार देना हमारा लक्ष्य है।”
“माई-बहिन योजना” से महिलाओं को साधने की तैयारी

महिलाओं और युवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आगामी कार्यकाल के लिए “माई-बहिन योजना” लागू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार प्रशिक्षण, छात्राओं को साइकिल व स्कॉलरशिप, और आत्मनिर्भरता के लिए सूक्ष्म ऋण देने का वादा किया गया है।
रोजगार और शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा
महागठबंधन की ओर से भी राज्य स्तर पर “हर परिवार को एक सरकारी नौकरी” की घोषणा की गई है। ओबरा में बेरोजगारी, शिक्षा संस्थानों की कमी और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति सुधारना प्रमुख चुनौती बनी हुई है। ऋषि कुमार का कहना है कि “हमने ओबरा में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीआई) की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि स्थानीय युवाओं को बाहर न जाना पड़े।”
जातीय और सामाजिक समीकरण
ओबरा विधानसभा क्षेत्र जातीय रूप से मिश्रित है — यहाँ अनुसूचित जाति, यादव, कुर्मी और मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में हैं। पिछले पाँच चुनावों में चार बार राजद को यहाँ सफलता मिली है, जो ऋषि कुमार के लिए सकारात्मक आधार बनाता है। परंतु राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, “इस बार ओबरा में युवा मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएंगे। उन्हें विकास और रोजगार दोनों की ठोस योजना चाहिए।”
चुनौतियाँ और विपक्षी रणनीति
विपक्षी दलों की ओर से राजद पर “विकास अधूरा छोड़ने” और “सिर्फ घोषणा करने” के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय जदयू और भाजपा कार्यकर्ता पंचायत-स्तर पर जनसंवाद बढ़ा रहे हैं। ऐसे में ऋषि कुमार के लिए ‘ग्राउंड कनेक्ट’ और ‘विकास के ठोस प्रमाण’ दिखाना अहम होगा।
ओबरा विधानसभा में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। वर्तमान विधायक ऋषि कुमार के पास विकास कार्यों की सूची और राजद की परंपरागत पकड़ का फायदा है, जबकि विपक्ष जनता की अपेक्षाओं को हथियार बनाकर मैदान में उतर चुका है। जनता की नब्ज़ फिलहाल “काम और रोजगार” पर टिकी हुई है — जो तय करेगी कि ओबरा में इस बार ‘विकास’ जीतेगा या ‘वादा’।








