औरंगाबाद – यह तस्वीर किसी गांव या देहात की नहीं, बल्कि औरंगाबाद जिला मुख्यालय अंतर्गत वार्ड नं 33 की है। जहां विकास का वादा कर वोट मांगने वाले जनप्रतिनिधियों की हकीकत यह कीचड़ भरी सड़क बयां कर रही है। यह दलदल जैसी सड़क जनप्रतिनिधियों और नगर परिषद के उन दावों पर कालिख पोत रही है, जिसमें वे स्मार्ट सिटी और साफ-सुथरे औरंगाबाद की बातें करते हैं।
वार्ड नं 33 के मुख्य मुहल्ले की यह मुख्य सड़क अब पूरी तरह कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। हल्की सी बारिश के बाद यह सड़क तालाब बन जाती है और सड़क पर पैदल चलना तो दूर, बाइक और साइकिल से निकलना भी जोखिम भरा हो जाता है। स्कूल जाने वाले बच्चों, नौकरी पर जाने वालों, बुजुर्गों और महिलाओं को हर दिन इस नरकीय रास्ते से गुजरना पड़ता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद नगर परिषद और जनप्रतिनिधि कान में तेल डालकर बैठे हुए हैं। सड़क की हालत खराब होने से आसपास की गलियों में भी कीचड़ भर गया है और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। वहीं, नालियों की सफाई और सड़क मरम्मत की कोई व्यवस्था नहीं है। लोगों ने नगर परिषद से जल्द इस सड़क की मरम्मत कराने की मांग की है ताकि उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में राहत मिल सके।
वहीं, इस गली के सामने ही स्थित सिंचाई विभाग परिसर में जिलाधिकारी का कार्यालय भी निर्माणाधीन है, जो बन जाने के बाद यह सड़क सीधे एनएच 99 से जुड़ने वाली लिंक रोड बन जाएगी। ऐसे में जिलाधिकारी को भी इस सड़क की बदहाली पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि आने वाले दिनों में जनता और प्रशासन दोनों को लाभ मिल सके।
स्थानीय लोगों ने कहा, “चुनाव के समय नेता लोग हाथ जोड़कर वोट की भीख मांगते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं रहता। हमलोग हर दिन कीचड़ में गिरते-पड़ते निकल रहे हैं। यदि जल्दी मरम्मत नहीं की गई तो हमलोग आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।”
यह सड़क नगर परिषद और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो बरसात में स्थिति और भी भयावह हो जाएगी, और जिला मुख्यालय का मुख्य संपर्क लिंक सड़क पर ही लोग कीचड़ में फंसने को मजबूर होंगे।