AURANGABAD – शहरीकरण और प्रदूषण से जूझती अदरी नदी को बचाने की सामुहिक मुहिम,जल संरक्षण के प्रति जागरूकता की नई पहल

औरंगाबाद ।  रविवार को अदरी नदी बचाओ आंदोलन का शुभारंभ संजोजक अनिल कुमार सिंह द्वारा डुमरी बालूगंज अदरी नदी घाट पर पूजा-अर्चना के साथ किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और क्षेत्रीय नेता उपस्थित रहे। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य अदरी नदी को प्रदूषण से बचाना, उसकी जलधारा को संरक्षित रखना और पर्यावरणीय संकट से निपटने के लिए जन जागरूकता फैलाना है।

कार्यक्रम का आयोजन और नेतृत्व

कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी दिलीप सिंह ने की, जबकि संचालन का दायित्व उदित विश्वकर्मा ने निभाया। सभा में अनिल कुमार सिंह ने नदी की मौजूदा स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अदरी नदी लंबे समय से शहरीकरण और प्रदूषण के कारण गंभीर संकट का सामना कर रही है। जल प्रदूषण और नदी में कचरा फेंके जाने के कारण जलस्तर और गुणवत्ता में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे क्षेत्रीय लोगों में जलजनित बीमारियां बढ़ रही हैं।

7 दिवसीय अभियान की शुरुआत

अदरी नदी बचाओ आंदोलन सात दिनों तक चलेगा। पहले दिन डुमरी बालूगंज, नियामतपुर, और बेढ़ना के गांवों में अदरी नदी बचाओ रथ के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने जन-जागरूकता फैलाने का काम किया। इस दौरान लोगों को जल संरक्षण और स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया गया।

कार्यकर्ताओं ने नागरिकों से अपील की कि वे नदी में कचरा न फेंके और जलधारा को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें। यह आंदोलन न केवल अदरी नदी के पुनरुद्धार का प्रयास है, बल्कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है।

प्रमुख व्यक्तित्वों की उपस्थिति

आंदोलन के शुभारंभ में जिले के कई प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक नेता शामिल हुए। इनमें भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार सिंह, अजीत कुमार सिंह, संजय सज्जन सिंह, अजय श्रीवास्तव, मनोज कुमार, महिला मोर्चा अध्यक्ष अनीता सिंह, जिला प्रवक्ता दीपक कुमार सिंह, और अधिवक्ता विजय प्रसाद निराला शामिल थे।

इसके अलावा, महिला मोर्चा की जिला महामंत्री गुड़िया सिंह, पूजा सिंह, सुनीता देवी, और अनीता देवी समेत अन्य कई सक्रिय कार्यकर्ता भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने नदी के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।

अदरी नदी की स्थिति और समाधान

सभा में वक्ताओं ने अदरी नदी की दयनीय स्थिति पर चर्चा की। यह बताया गया कि प्रदूषण, अव्यवस्थित शहरीकरण और जागरूकता की कमी के कारण नदी का जल स्तर गिर रहा है और जल गुणवत्ता घट रही है। विशेषज्ञों ने जल प्रबंधन, वृक्षारोपण, और सामुदायिक भागीदारी को नदी संरक्षण का मुख्य उपाय बताया।

समाज को संदेश

अदरी नदी बचाओ आंदोलन क्षेत्रीय नागरिकों को यह संदेश देने का प्रयास है कि जल संरक्षण केवल सरकार या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है। आयोजकों ने उम्मीद जताई कि यह आंदोलन आने वाले दिनों में और अधिक प्रभावशाली होगा और अदरी नदी को पुनर्जीवित करने में सफल रहेगा।आंदोलन के आगामी दिनों में विभिन्न गांवों और कस्बों में जन-जागरूकता रैलियों, संगोष्ठियों और पर्यावरणीय अभियानों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान स्थानीय नागरिकों को जल संरक्षण के व्यावहारिक उपाय सिखाए जाएंगे।

यह पहल अदरी नदी के संरक्षण और क्षेत्रीय पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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