AURANGABAD- केन्द्रीय विद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन, विद्वानों ने साझा किए अपने-अपने मंतव्य

FRIENDS MEDIA – BIHAR DESK

औरंगाबाद जिले में स्थित केंद्रीय विद्यालय में सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य विषय राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं उसके संदर्भ में मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता था । इस कार्यशाला का आयोजन जी-20 के शैक्षिक कार्य समूह मीटिंग के प्रति जनजागरूकता एवं जनभागीदारी उत्पन्न करना था। चौथी जी-20 शैक्षिक कार्य समूह की बैठक 19-22 जून 2023 को पुणे में प्रस्तावित है।

इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में आर.के सिंह (प्राचार्य जे.एन.वी बारुण) उपस्थित थे। कार्यशाला में औरंगाबाद जिला में अवस्थित सी.बी.एस.ई के 25 विद्यालयों से नियुक्त सरकारी विद्यालयों के 25 शिक्षक, कला साहित्य एवं खेल से जुड़े हुए कई अन्य प्रख्यात विद्वानों ने भाग लिया ।कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गान के साथ हुआ। तत्पश्चात विद्यालय के प्राचार्य डॉ अनूप शुक्ला ने मुख्य अतिथि को पुस्तक भेंट कर स्वागत किया एवं अपने औपचारिक स्वागत भाषण के द्वारा सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों के बारे में बताया ।

कार्यशाला के अंतर्गत अलग-अलग विद्वानों ने विभिन्न विषयों आरके सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मुख्य विशेषताओ, उसे लागू करने की दिशा में किए गए प्रयासों एवं शिक्षा नीति को किस प्रकार से लागू किया जा सकता है ,विषय पर अपने अनुभव का साझा किया । तत्पश्चात केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य डॉ अनूप शुक्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक मुख्य पहलू “निपुण भारत” और इसके अंतर्गत मूलभूत साक्षरता विषय के ऊपर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने यह बताया कि प्राथमिक अवस्था में कथा तीन तक विद्यार्थियों में भाषाई क्षमता का विकास कितना होना चाहिए एवं इन लक्ष्यों का कैसे प्राप्त किया जा सकता है। इसी विषय पर लक्ष्य को प्राप्त करने के व्यवहारिक उपायों को लेकर केंद्रीय विद्यालय प्राथमिक शिक्षिका स्वाति कुमारी ने भी अपने मंतव्य साझा किए ।

मूलभूत संख्यात्मकता के विभिन्न स्तरों एवं उसे प्राप्त करने की विधि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी राकेश कुमार टी.जी.टी (सामाजिक विज्ञान) के द्वारा दी गई। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में प्रतिभागियों ने उपस्थित विद्वानों से अपने प्रश्न पूछे जिसका संदर्भित उत्तर विद्वानों बिहार द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षकों ने काफी प्रशंसा की एवं बताया कि उन्हें इस कार्यशाला में कई नई चीजें सीखने का अवसर मिला। पुनः राष्ट्रगान एवं प्रमाण पत्र वितरण के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।