FRIENDS MEDIA-BIHAR DESK
शनिवार को किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पाण्डेय ने मंडल कारा औरंगाबाद का निरीक्षण किया और जेल अधीक्षक को आदेश दिया कि रिमांड के समय जे जे ऐक्ट का कठोरता से पालन किया जाए ताकि कोई भी किशोर जेल में बंद न हो।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्रधान दंडाधिकारी ने कैदीयों से बातचीत की जिसमें 10 कैदीयों की उम्र किशोर की सम्भावना है जिसे विधालय के नामांकन पंजी और मेट्रिक दस्तावेज से न्यायालय में प्रमाणित किया जा सकता है । प्रधान दंडाधिकारी ने बताया कि जेल में कैदियों के रखने की सीमा 309 है मगर उससे तिगुना क़ैदी 946 जेल में हैं, कुछ व्यवस्था में भी सुधार की आवश्यकता है, डाक्टर और साइक्लोजीस्ट हमेशा उपलब्ध रहना चाहिए, इस मसलें पर जेल अधीक्षक ने बताया कि नयी जेल नवंबर दिसंबर से शुरूआत की संभावना है उसके बाद स्थिति में काफी सुधार हो जाएगी। इस अवसर पर किशोर न्याय परिषद सदस्य अरूण कुमार सिंह उपस्थित थे ।
डीएम , एसपी ने जेल की सुरक्षा का लिया जायजा
औरंगाबाद जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल एवं पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा द्वारा सदर प्रखंड अवस्थित मंडल कारा का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान डीएम एवं एसपी द्वारा सिक्योरिटी ऑडिट के दौरान इस कारा में सुरक्षा के सभी पैमानों पर समीक्षा की गई। साथ ही ऐसे कैदी जिन्हे कही और शिफ्ट करने की आवश्यकता है। इसकी भी समीक्षा की गई।