FRIENDS MIDEA- BIHAR DESK
व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे बारह धनंजय कुमार मिश्रा ने गुरुवार को हसपुरा थाना कांड संख्या 21/13 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधिन अभियुक्त दिनेश राजवंशी जगदेव नगर डिंडिर हसपुरा को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सरकार की ओर से एपीपी दवेंन्द कुमार शर्मा ने बहस में हिस्सा लेते से जघन्य कृत्य के लिए मुजरिम को अधिकतम सज़ा की मांग की,वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता अनुप शर्मा ने प्रथम अपराध और छोटे छोटे बच्चे की दुहाई देते हुए अपराधी को कम सज़ा की मांग की। दोनों पक्षों के सुनने के पश्चात न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया । न्यायालय ने अभियुक्त दिनेश राजवंशी को भादंसं की धारा 302 में सश्रम आजीवन कारावास, पच्चीस हजार जुर्माना जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास, तथा धारा 201 में पांच वर्ष कारावास, पांच हजार जुर्माना। जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी। दोनों सज़ाए साथ साथ चलेंगी।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि जुर्माना राशि पीड़िता को दिलाई जाएगी तथा बिहार सरकार से कहा गया है कि पीड़ित परिजनों को उचित प्रतिकर दिलाई जाए। अधिवक्ता ने बताया कि हत्या कर साक्ष्य छुपाने के नो साल पुरानी वाद में सूचक लालचंद राजवंशी ने 21/02/13 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें अभियुक्त पर आरोप लगाया था कि अभियुक्त एक दिन पूर्व रात्रि में घर के पिछे दुबक कर बैठा था मना करने पर गुस्साते हुए सिखाने के बात कह चला गया। दुसरे दिन दोपहर में बगीचा में सूचक के पांच साल की बेटी खेल रही थी तो अभियुक्त चुड़ा खिलाकर एकांत में हत्या कर लाश कुआं में फेंक दिया था। खुब खोजबीन होने के बाद जब वह रात्रि 8 बजे तक नहीं मिली तो सूचक के पुत्र को अभियुक्त ने बताया था कि जाओ देखो कुआं में डाल दिया हुं, आसपास के लोगों ने मिलकर कुआं से लाश निकाली, मुखिया, सरपंच, पुलिस को खबर की गई, पुलिस आईं और लाश और पीड़िता के परिजनों को थाने लाकर प्राथमिकी दर्ज कराई ।अभियुक्त को 30/08/22 को दोषी ठहराया गया था तो लड़की के परिजनों में संतोष भाव था। उन्होंने कहा कि हमें न्यायालय पर पूर्ण विश्वास था कि अभियुक्त को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलेगी।