मां ने नवजात शिशु को फेंका , एक युवक ने छठी मैया का उपहार समझकर लिया गोद

FRIENDS MEDIA DESK-AURANGABAD

गुरुवार की सुबह एक कुमाता द्वारा अपने नवजात शिशु को आहार में फेंक देने का मामला प्रकाश में आया है । मामला औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड अंतर्गत ढोसिला कला गांव की है । जहां पश्चिमी आहर में फेंकी एक जीवित नवजात कन्या मिली है । जीवित नवजात शिशु को आहर में मिलने की बात आसपास के इलाकों में आग की तरह फैल गयी। वहीं मौके पर ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी हो गई। बताया जाता है कि उक्त नवजात शिशु को ढोसिला कला निवासी रमुना मालाकार ने गोद ले लिया है। श्री मालाकार ने बताया कि गुरुवार की सुबह वे अपने परिवार को रफीगंज रेलवे स्टेशन छोड़ने गया था। लौटने के दौरान जब वह गांव के आहर के पास पहुंच तो वहां वह काफी भीड़ देखा । जब समीप पहुंचा तो देखा कि एक जीवित नवजात कन्या पड़ी है। उसने नवजात कन्या को गोद में उठाया और रफीगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाकर इलाज कराया।

नवजात शिशु

अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विनोद कुमार ने प्राथमिक उपचार करने के बाद बेहतर इलाज के लिए औरंगाबाद रेफर कर दिया। चिकित्सक ने बताया कि शिशु की स्थिति सही है। प्राथमिक उपचार के बाद एनबीसीसी, औरंगाबाद भेज दिया गया है। गौरतलब है कि रमुना मालाकार को अपनी पत्नी गायत्री देवी से दो पुत्र है। इनमें एक 12 वर्ष का है जबकि दूसरा 8 वर्ष का हैं। परिवार में नवजात शिशु के आने से काफी खुशी है। मालाकार ने बताया कि उन्हे बेटी नही थी। अब इसकी कमी पूरी हो गई है और बेटी मिल गई है। आगे उसने कहा कि यह बेटी आज उसे चैती छ्ठ के दिन मिली है। इस कारण वह इसे छठी मईया का उपहार मान रहा है। वहीं कन्या को वे गोद लेने की सरकारी औपचारिकताओं को पूरी करने में जुट गया है ।