FRIENDS MEDIA DESK-AURANGABAD
बिहार में पूर्ण तरीके से शराब बंदी को सफल बनाने को लेकर सरकार ने जिस विभाग पर भरोसा किया है वही दगाबाज निकला । हम बात कर रहे हैं औरंगाबाद जिले के उत्पाद विभाग की पुलिस की । जिनके कंधे पर शराब कारोबारियों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी सौंपी गई है वही शराब कारोबारी निकला । बता दें कि बुधवार की शाम औरंगाबाद प्रशासनिक विभाग में उस समय खलबली मच गई जब रक्षक बने भक्षक की कहावत को चरितार्थ करते उत्पाद विभाग के पदाधिकारी व कर्मी नजर आएं। उत्पाद विभाग का काम शराब पकड़ कर जब्त करना था लेकिन यह उल्टा साबित हुआ। बुधवार की शाम उत्पाद विभाग के पदाधिकारी और कर्मी उस समय रंगे हाथ पकड़े गए जब वे अपने विभाग में जब्त शराब की बिक्री किसी दूसरे के हाथ कर रहे थे। वरीय पदाधिकारियों ने इन सभी कर्मियों और पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर नगर थाने लाया जहां पूछताछ करने के बाद हवालात में बंद कर दिया।
सूत्रों से पता चला कि उत्पाद विभाग के बड़ा बाबू भूपेंद्र चौधरी, एसआई अजय कुमार, जमादार विनोद प्रसाद व सर्वजीत कुमार शराब बेचने के आरोपित बने हैं। इन सभी पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। डीएम सौरभ जोरवाल ने इसकी पुष्टि की है। डीएम सौरभ जोरवाल बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि उत्पाद विभाग में कुछ पुलिस कर्मी द्वारा अवैध रूप से शराब की बिक्री की जा रही है। सूचना के बाद डीएम ने सदर एसडीओ को इस दिशा में कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद सदर एसडीओ विजयंत द्वारा छापेमारी कर 13 बोतल शराब के साथ उक्त चारों पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ा गया। उक्त शराब को पुलिसकर्मी ने बेचने के लिए रखे थे। इस लेकर पूरे शहर में चर्चा के विषय बना हुआ है।