FRIENDS MEDIA-BIHAR DESK
कभी-कभी आश्चर्यजनक भी खबरें भी सामने आती रहती है । जिसे पढ़कर लोग चौंक जाते हैं। एक तरफ सरकार कोरोना जैसे जानलेवा बीमारी को लेकर ततपरता से कार्य कर रही है । आम लोगों की जीवन बचाने के लिए फ्री वैक्सीन लगा रही है। समय-समय पर कोरोना की जांच व बूस्टर डोज लेने की अपील कर रही। दूसरी तरफ स्वास्थ विभाग की लापरवाही के कारण किरकिरी भी झेलनी पर रही है ।औरंगाबाद से एक ऐसी ही खबर सामने आयी है जिसे पढ़ने के बाद आप भी चौंक जाएंगे। मामला है कि गुरुवार को एक तीन माह पहले मृत हुए व्यक्ति को बूस्टर डोज लगाने का एक मैसेज प्राप्त हुआ है। बता दें कि देव प्रखंड अंतर्गत बालूगंज निवासी रामनाथ प्रसाद की मौत बीते 3 अप्रैल को किसी बीमारी की वजह से हो गयी थी । जिनका सदर अस्पताल द्वारा भी मृत घोषित किया जा चुका था । इतना ही नही बल्कि नगर परिषद द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब उनके रजिस्ट्रड मोबाइल जो उनके बेटे के पास रहती है । उस पर गुरुवार को भारत सरकार के द्वारा जारी कोविड-19 के लिए बनाए गए पोर्टल द्वारा यह मैसेज प्राप्त हुआ कि रामनाथ प्रसाद को सफलता पूर्वक कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज लगा दिया गया है। अपना प्रमाण पत्र डाउनलोड कर लें। यह मैसेज पढ़ते ही उनके बेटे के होश उड़ गए। उसने उन मैसेज कई लोगों को शेयर किया और कहा कि मेरे पिता जी की मृत्यु तीन माह पहले ही हो चुकी है,भला उन्हें कैसे यह डोज लगाया गया । लोगों में यह चर्चा का विषय बन गया । हर लोग जहां स्वास्थ विभाग की लापरवाही बता रहे हैं वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के नाम पर विभाग में लूट-खसोट मची है। अब यहां लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि रिकॉर्ड के अनुसार एक मृत व्यक्ति को दिए वो कोरोना वैक्सीन कहां गयी ?