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औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में मंगलवार को जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने टंडवा थाना कांड संख्या 09/13 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए दहेज हत्यारोपी पति श्रवण कुमार को दस साल कारावास की सज़ा सुनाई है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सूचक मृतका के भाई चंदन कुमार पासवान कासीमपुर कुटुंबा ने 20/02/13 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें आरोपी श्रवण कुमार गंजहर टोला, रघुवीर बिगहा ,टंण्डवा पर आरोप लगाया था, कि मेरी बहन रीता देवी जिसकी एक वर्ष पूर्व शादी श्रवण कुमार से हुई थी। श्रवण ने जलाकर मार दिया , प्राथमिकी भादंसं धारा 302/34 में दर्ज की गई थी। ट्रायल के क्रम में साक्ष्य अनुसार दहेज हत्या में भादंसं धारा 304 बी में 14/10/22 तारीख को अभियुक्त को दोषी करार दिया गया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अकमल हसन ने प्रथम अपराध देखते हुए कम से कम सज़ा की मांग की थी। लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि हमने दहेज हत्यारोपी को अधिकतम सज़ा की मांग की, आज सज़ा के बिन्दु पर दस साल कारावास की सज़ा सुनाई गई है अभियुक्त घटना के समय से ही जेल में बंद हैं 08/03/17 को हाईकोर्ट ने अभियुक्त के जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
वहीं दूसरे मामले में जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने हसपुरा थाना कांड संख्या 95/19 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए दो काराधिन बंदी अभियुक्त सुभाष सिंह और नागेश्वर सिंह डिहुरी हसपुरा को भादंसं की धारा 302/34 में दोषी करार दिया है ।लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि 21/10/22 निर्धारित किया गया है । अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक राजनंदन सिंह डिहुरी हसपुरा, गम्भीर रूप से ज़ख्मी अवस्था में बताया था कि 24/07/19 को जब वे खेती कर रहे थे तो उनके खेत में अभियुक्तगण गाली गलौज करते हुए आए और सिर तथा गर्दन पर खंती व कुदाल से हमला कर दिये, जिससे ज़ख्मी होकर मुर्क्षित हो गये, पड़ोसीयो ने हल्ला कर हमारे परिवार को बुलाया जो सरकारी अस्पताल हसपुरा ले गये थे, अधिवक्ता ने बताया कि सूचक का इलाज के क्रम में पटना में मृत्यु हो गई थी । घटना के कारण पूर्व की जमीनी विवाद बताया गया था।