AURANGABAD : न्यायालय कर्मियों की राज्यव्यापी हड़ताल: 16 जनवरी 2025 से काम बंद,न्यायिक प्रक्रिया होगी प्रभावित
औरंगाबाद: व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के कर्मचारियों ने राज्यव्यापी हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है। यह हड़ताल 16 जनवरी 2025 से शुरू होगी। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में समय पर पदोन्नति, वेतन विसंगतियों का समाधान, अनुकंपा के आधार पर नौकरियों की व्यवस्था और भेदभाव मुक्त रवैये की स्थापना शामिल हैं।
व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के कर्मचारियों के अध्यक्ष श्रीकांत कुमार ने कहा कि हड़ताल के समर्थन में कर्मचारियों ने न्यायालय गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बिहार सरकार के विधि विभाग के प्रतिकूल आदेशों का पुतला जलाया गया। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन कर्मचारियों की एकता और अपनी मांगों के प्रति उनके दृढ़ निश्चय को दर्शाता है।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने जानकारी देते हुए कहा कि कर्मचारियों की यह हड़ताल उनकी वाजिब मांगों को लेकर है, जिन्हें सरकार लंबे समय से अनदेखा कर रही है। उन्होंने बताया कि व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद कर्मचारी संघ पूरी तरह से इस हड़ताल का समर्थन करता है और सरकार से अपील करता है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए।
मुख्य मांगें:
1. समय पर पदोन्नति: कर्मचारियों की पदोन्नति समय पर नहीं हो रही है, जिससे उनका मनोबल गिर रहा है।
2. वेतन विसंगतियों का समाधान: कर्मचारियों के वेतन में असमानता को दूर करने की मांग की गई है।
3. अनुकंपा पर नौकरी: दिवंगत कर्मचारियों के परिवारजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की मांग की गई है।
4. भेदभाव मुक्त रवैया: कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार को समाप्त करने की आवश्यकता है।
कर्मचारियों ने सरकार से अपनी मांगों को गंभीरता से लेने और तत्काल समाधान प्रदान करने की अपील की है। यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो यह हड़ताल न्यायालय के कामकाज पर बड़ा असर डाल सकती है।
व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के कर्मचारियों के इस आंदोलन को अन्य जिलों के कर्मचारी संघों से भी समर्थन मिल रहा है। आगामी दिनों में यह हड़ताल राज्यभर में बड़े पैमाने पर प्रभाव डाल सकती है।