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जिले के प्रख्यात चिकित्सक डॉ अब्दुल हई अंसारी का पहली पुण्य तिथि शनिवार को उनके क्लिनिक पर मनाई गई.इस दौरान उनके तस्वीर पर लोगो ने फूल चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया .इस औसर पर फ्री मेडिकल कैंप का भी आयोजन किया गया.जिसने उनके पुत्र डॉ शौकत इरफान एवं डॉ आसिफ फिरोज द्वारा कैंप में आए मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई.जांच करने के बाद दवाईयां भी दी गई .जिन मरीजों को पैथोलॉजिकल टेस्ट और एक्स-रे की आवश्यकता थी, उसकी भी जांच कराई गई.इस कैंप में झारखंड के पलामू,गढ़वा ,बिहार के भभुआ,बिक्रमगंज,रोहतास और नौहट्टा से आए तकरीबन पांच सौ से ज्यादा मरीजों की स्वास्थ्य जांच की गई.इस मौके उनके बड़े पुत्र डॉ शौकत इरफान भावुक हो कर कहते हैं,कि उनके पिता का पहला प्यार उनके मरीज थे.उन्होंने अपना पूरा वयस्क जीवन अपने मरीजों की निस्वार्थ सेवा में गुजार दी.उनके शब्दकोश में कोई छुट्टी नही था,और ना ही कैलेंडर में कोई रविवार.शाम को घर लौटते ही जल्दी से शेविंग कर लेते,ताकि अगले दिन क्लिनिक जल्द पहुंच सके.उन्होंने पूरा जीवन मरीजों की सेवा के लिए निछावर कर दिया.
कोरोना काल के दौरान उनकी उम्र को देखते हुए मैने उन्हे ब्रेक लेने के लिए कहा था.लेकिन उनका जवाब था कि मैं ऐसे समय में,जब सभी डॉक्टरों ने अपनी क्लिनिक बंद कर दी है , मैं अपने मरीजों को छोड़ नही सकता. कोरोना काल में मरीजों की सेवा करते करते खुद कोवीड के शिकार हुए और उनकी मृत्य हो गई.उन्होंने अंतिम समय तक मरीजों की सेवा की.उनके निस्वार्थ सेवा भावना का ही फल है कि आज भी अस्पताल में लगे उनके फोटो को देख कर मरीज रोने लगते.तब जाकर उनकी सच्ची कमाई का का फल हमे दिखाई देता है.वहीं इस अवसर पर उनके दूसरे पुत्र वा डॉक्टर शौकत इरफान ने कहा कि 54वर्षों तक उनके पिता ने मरीजों की सेवा की है.हम अपने पिता के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए गरीब मरीजों की सेवा अपने धर्म से बढ़कर करेंगे.निस्वार्थ सेवा करने से हमारे पिता की आत्मा को संतुष्टि मिलेगी.इस मौके पर अशोक सरावगी,इजहार अंसारी,इकबाल अंसारी, असगर अली, उमेश यादव,राजेश सिंह,अरुण कुमार,सोनू कुमार और राजेश गुप्ता समेत अन्य लोग मौजूद थे.