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औरंगाबाद जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में शनिवार को सुखाड़ से संबंधित समीक्षा बैठक योजना भवन स्थित सभा कक्ष में आयोजित की गयी। इस बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इस बार अब तक मात्र 25 mm से भी कम वर्षा हुई है। जो काफी डेफिसिट को दर्शाता है। इसके लिए पहले से कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है। इस बार डीएसआर वैरायटी से धान की सीधी बोवाई भी करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। बताया गया कि इस दौरान जब तक बारिश न हो, खाद का उपयोग न करें क्यूकि धान के बिचड़ा को बचाना है। जो अब तक बिचड़ा की क्षति हुई है उसका आकलन भी किया जा रहा है एवं आकलन कर विभाग को भेजा जाएगा।
कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल द्वारा बताया गया कि औरंगाबाद जिले में कुल 145 चापाकल को रिपेयर करने की कार्रवाई की जा रही है। जिसमें से अब तक 23 चापाकल की मरम्मती कराई जा चुकी है।
जिला पदाधिकारी ने बताया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि आपके प्रखंड के किस क्षेत्र में पानी की समस्या है एवं आवश्यकतानुसार योजनाएं लेनी है या मरम्मती का कार्य कराना है। इस संबंध में सभी बीडीओ माननीय मुखिया के साथ बैठक कर इसका आकलन कर लें। कुछ दिनों बाद सभी मुखिया के साथ इस संबंध में जिला में भी बैठक की जाएगी। आपदा सलाहकार मणिकांत कुमार द्वारा बताया गया कि सुखाड़ की स्थिति में आपदा नियंत्रण कक्ष भी बनाया जायेगा। उन्हें सुखाड़ से संबंधित अन्य जरूरी तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया गया।
बताया गया कि हो सकता है कि रोजगार की समस्या से लड़ने के लिए मनरेगा एवं अन्य योजनाओं से रोजगार को सृजन करने की भी आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए पहले से तैयारी पूरी कर लेने की आवश्यकता है।
इस बैठक में जिला पंचायती राज पदाधिकारी मंजू प्रसाद, डायरेक्टर डीआरडीए बालमुकुंद प्रसाद, वरीय उप समाहर्ता अमित कुमार सिंह, वरीय उप समाहर्ता कृष्णा कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह, सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण ई आलोक, उप निदेशक, शष्य–सह – भूमि संरक्षण पदाधिकारी, औरंगाबाद, सहायक निदेशक उद्यान जितेंद्र कुमार, कार्यपालक अभियन्ता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमण्डल, कार्यपालक अभियन्ता लघु सिंचाई प्रमण्डल, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा, मणिकान्त, आपदा सलाहकार, औरंगाबाद एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।