
चाणक्य परिषद के अध्यक्ष रामानुज पाण्डेय की अध्यक्षता में आज औरंगाबाद स्थित उनके आवास पर जयंती समारोह की तैयारी समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में आगामी 25 दिसंबर को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक, महान स्वतंत्रता सेनानी भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती को भव्य रूप से मनाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
बैठक में चर्चा के दौरान बताया गया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी दोनों महापुरुषों की जयंती समारोह श्रद्धा, सम्मान और भव्यता के साथ आयोजित किया जाएगा। अध्यक्ष रामानुज पाण्डेय ने कहा कि महामना मालवीय जी और अटल बिहारी वाजपेई जी ने अपने-अपने कार्यकाल में भारत की स्वतंत्रता, विकास, सम्मान और सांस्कृतिक गौरव के लिए जो कालजयी योगदान दिया है, वह भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
उन्होंने कहा कि यद्यपि दोनों महापुरुष अलग-अलग राजनीतिक धाराओं से जुड़े रहे—एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे तो दूसरे जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी से—लेकिन दोनों में एक समानता थी, वह थी हिंदी और हिंदुस्तान के स्वाभिमान की रक्षा और प्रतिष्ठा। दोनों ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा और भारत माता को परम वैभव के शिखर पर स्थापित करने के संकल्प के लिए समर्पित कर दिया।
रामानुज पाण्डेय ने कहा कि इन दोनों विभूतियों के योगदान को स्मरण करना और समाज को स्मरण कराना हम सभी का, विशेषकर आने वाली पीढ़ियों का पावन दायित्व है। चाणक्य परिषद वर्षों से इस दायित्व का निर्वहन करते हुए जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करती आ रही है, ताकि समाज उनके विचारों और आदर्शों से प्रेरणा लेकर उनके मार्ग पर आगे बढ़े।
उन्होंने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस श्रद्धांजलि समारोह में भाग लेकर दोनों महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें।
बैठक में हम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील कुमार चौबे, भाजपा जिला उपाध्यक्ष व रेड क्रॉस के सचिव दीपक कुमार पाण्डेय, डॉ. सुधांशु शेखर त्रिवेदी, भारतीय सेवा दल के विभांशु मिश्र रौशन, भाजपा के वरिष्ठ नेता रामानुज पाण्डेय, अमरिंदर पाण्डेय, शिक्षक नेता एवं जिला मंत्री निर्भय त्रिवेदी, पुरुषोत्तम चौबे, पंकज पाठक सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।







