AURANGABAD: पुलिस वाहन पर तीस लाख रुपये बस से उतारने का आरोप, जांच के बाद पुलिस ने किया सच का खुलासा

औरंगाबाद । पुलिस के एक प्राइवेट कम्पनी के मालिक के साथ हुए लगभग तीस लाख रुपये की धोखाधड़ी का न सिर्फ खुलासा कर दिया है बल्कि धोखाधड़ी के रुपये के साथ तीन अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि संतोष कुमार जायसवाल, सिद्विविनायक फूड़स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और ग्राम सतगुर थाना पनियरा निवासी, ने एक असामान्य धोखाधड़ी का शिकार होकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कारोबार पूरे भारत में फैला हुआ है, जिसमें उन्हें धनबाद और उसके आस-पास के क्षेत्रों से नगद भुगतान प्राप्त होता है।

संतोष कुमार जायसवाल के फार्म का स्टाफ सीबू कुमार प्रामाणिक उर्फ विशाल, जो चिरागोरा, प्रोफेसर कॉलोनी, गली नंबर-6, बरमसिया, धनबाद (झारखंड) के निवासी हैं, ने 29,50,000 (उन्नतीस लाख पचास हजार) रुपये नकद कलेक्शन किया था। इस राशि को तीन पार्सलों में बांधकर चेतक बस (नंबर WB76A6184) के कंडक्टर रविरंजन सिंह उर्फ रवि को 20 जुलाई 2024 को सुबह 2 बजे धनबाद में सुपुर्द किया गया था।

ड्राइवर व कंडक्टर ने रची साजिश

रवि रंजन सिंह, ड्राइवर मो शाहिद हुसैन (निवासी लखैमपुर थाना, मोहनपुर जिला गया), खलासी आनंद पासवान (निवासी जुराही थाना, मदनपुर जिला औरंगाबाद) और चेतक बस का पूर्व स्टाफ धनंजय सिंह (निवासी देव, जिला औरंगाबाद) ने मिलकर एक षड्यंत्र रचकर इस नकद राशि को हड़प लिया। उन्होंने एक झूठी कहानी बनाकर बताया कि पुलिस वाहन 112 नंबर ने उनकी बस को रोका और मारपीट कर पार्सल ले गए।

पुलिस की त्वरित कार्यवाही

इधर पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद के निर्देशन में त्वरित कार्रवाई हेतु एक टीम का गठन किया गया। इस टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए कंडक्टर रविरंजन सिंह, ड्राइवर मो शाहिद हुसैन, और धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 29,50,000 रुपये नकद और चार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

अभियुक्तों को अग्रिम कार्रवाई हेतु माननीय न्यायालय में पेश किया गया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और अभियुक्तों की गिरफ्तारी से संतोष कुमार जायसवाल और उनके परिवार को कुछ राहत मिली है। पुलिस ने यह आश्वासन दिया है कि इस मामले में और भी जांच की जाएगी ताकि सभी दोषियों को सजा दिलाई जा सके।