AURANGABAD “स्वस्थ धरा तो खेत हरा” केंद्रीय विद्यालय की अनूठी पहल,किसानों के भलाई के लिए छात्रों व शिक्षकों की संयुक्त पहल
औरंगाबाद : केंद्रीय विद्यालय ने विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष्य में मृदा स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम ग्राम राघौलिया, पंचायत इब्राहिमपुर के लगभग 25 किसानों के खेतों में जाकर मिट्टी के नमूने एकत्र कर उनके विश्लेषण पर केंद्रित था। इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनके खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में जागरूक करना और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में सहायता प्रदान करना था।
मिट्टी के नमूनों की जांच के परिणामों को मृदा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के रूप में तैयार किया गया। किसानों को ये प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए उनकी भूमि के लिए आवश्यक उर्वरकों और पोषक तत्वों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर किसानों को यह भी बताया गया कि उनकी मिट्टी के अनुसार कौन सी फसल उगाना अधिक लाभकारी होगा।
किसानों के साथ “स्वस्थ धरा तो खेत हरा” की प्रतिज्ञा
कार्यक्रम के अंत में किसानों ने “स्वस्थ धरा तो खेत हरा” की प्रतिज्ञा ली। इस प्रतिज्ञा के तहत उन्होंने मृदा संरक्षण और संतुलित उर्वरक उपयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
कार्यक्रम में विद्यालय के चार नवमी कक्षा के छात्र – आदर्श कुमार, अभिषेक कुमार, सत्यम कुमार और सत्यम पांडेय ने सक्रिय भाग लिया। इन छात्रों के साथ विद्यालय के शिक्षक मनीष शर्मा और सौरभ कुमार ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
किसानों ने विद्यालय के इस प्रयास की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल मृदा स्वास्थ्य को समझने में सहायक हैं, बल्कि आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
केंद्रीय विद्यालय औरंगाबाद का यह कदम न केवल किसानों की सहायता के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि सतत कृषि और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सराहनीय पहल है। इस तरह के प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि जागरूकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे।